शशांक तिवारी की रिपोर्ट
लखनऊ। देश के सभी राज्यों ने विश्वव्यापी महामारी कोरोना पर जीत हासिल करने के लिए अपनी रणनीति बनाई है। कुछ राज्य हैं जो अपने दम पर कोरोना से लड़ रहे हैं, जबकि कुछ को केंद्र से मदद की दरकार है। एक न्यूज चैनल पर पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री ने कोरोना से निपटने के लिए केंद्र से 25 हजार करोड़ रुपये के पैकेज की मांग कर डाली, वहीं इसी कार्यक्रम में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने खर्चों में कटौती करके कोरोना से निपटने की बात कही।
पंजाब के स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने न्यूज चैनल के एक कार्यक्रम में कहा, ‘पंजाब सरकार के सीमित संसाधन हैं फिर भी कोरोना से पूरी तैयारी से लड़ रही है। केंद्र को बाकी राज्यों की तरह पंजाब को भी देखना चाहिए।’ लेकिन इससे पहले जब यूपी के सीएम योगी आदित्नाथ से पूछा गया कि बाकी राज्य केंद्र से पैसा मांग रहे हैं कह रहे हैं कि उनके पास पैसा नहीं है आपने उसके उलट कई सारे इंतजाम किए आपको इस पर क्या कहना है। तो योगी ने बताया कि कैसे यूपी में सरकारी अमले के खर्चे में कटौती की गई है वेतन में कटौती की गई है और बाकी कई इंतजाम किए गए हैं।
राजनीति करने के 10 बहाने होते हैं’
दूसरे राज्यों के केंद्र से मदद मांगने पर योगी का कहना था, ‘अगर राजनीति करनी हो तो उसके 10 बहाने होते हैं संसाधनों की इतनी भी कमी नहीं है कि कोरोना सेना निपटा जा सके। कोरोना वॉरियर्स पर हमले के सवाल पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘हम बिना किसी भेदभाव के गरीबों के लिए कल्याणकारी योजनाएं चला रहे हैं। हर किसी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने का प्रयास हो रहा है। ऐसी स्थिति में भी अगर कोई जानबूझकर मेडिकल टीम पर हमला करेगा तो ये कानून के साथ खिलावाड़ है। हम किसी को भी संक्रमण फैलाने की छूट नहीं देंगे। अव्यवस्था फैलाने, अराजकता फैलाने की छूट किसी को नहीं दी जा सकती है।’
‘तबलीगी जमात ने जानबूझकर फैलाया कोरोना‘
योगी आदित्यनाथ ने कोरोना को लेकर तबलीगी जमात पर जोरदार हमला भी बोला। उन्होंने कहा, ‘अगर ये समय रहते चेत जाते तो प्रशासन को बताना चाहिए था। ऐसा न करके उन्होंने छिपाया और बयानबाजी की और लोगों में अंधविश्वास फैला। देखते ही देखते बड़ी आबादी चपेट में आ गई। ये जानबूझकर जिस तरह के कृत्य किए, वह अक्षम्य अपराध है। अगर समय रहते इन्होंने सरकारी अपील पर ध्यान दिया होता तो यह हालत नहीं होती।’