अनिल अनूप की खास रिपोर्ट
अयोध्या में पांच अगस्त को राममंदिर के शिलान्यास और भूमिपूजन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रामलला की नगरी में साकेत महाविद्यालय में हेलिकॉप्टर से आएंगे। लोक निर्माण विभाग साकेत महाविद्यालय के परिसर में तीन हेलीपैड बना रहा है। सही मायनों में आयोजन की तैयारियों ने जोर पकड़ लिया है। अयोध्या प्रशासन ने अपनी मुश्कें कस ली है। हैलीपेड से जब प्रधानमंत्री मोदी का काफिला रामजन्मभूमि स्थल की तरफ बढ़ेगा तो सड़क के दोनों तरफ की दीवारें पीले रंग से रंगी होंगी। और इन दीवारों पर रामचरितमानस के पात्रों के खूबसूरत प्रसंग उकेरे जा रहा है। तीन किलोमीटर तक दोनों तरफ इस काम की जिम्मेदार अयोध्या नगर निगम के पास है वह इस काम को बेहद बखूबी से कर रहा है।
अयोध्या के सूचना उपनिदेशक मुरलीधर सिंह ने बताया कि भगवान राम और सीता दोनों के आदमकद रेखाचित्र साकेत महाविद्यालय में हेलीपैड पर बन रहे हैं, वहीं रामायण के पात्रों के चित्र सड़कों के दोनों ओर बनी दीवारों इस सफाई से बनाए जा रहे है कि जो भी देखेगा वह उसे निहारता रह जाएगा।
शहर सजी दुल्हन की तरह
सड़क किनारे विक्रेताओं और दुकानदारों ने प्रधानमंत्री के काफिले को स्वतंत्रतापूवर्क जाने पर अपनी सहमति जताई है। प्रधानमंत्री हनुमानगढ़ी मंदिर भी जाएंगे और वहां जाने वाली सड़कों पर बनी इमारतों को साफ किया जा रहा है। पांच अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी के अयोध्या में इस्तकबाल करने के लिए पूरे शहर को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है। उस दिन सड़कों और मंदिरों को फूलों से सजाया जाएगा। सरयू नदी के किनारे और शहर के विभिन्न मंदिरों में एक लाख से अधिक मिट्टी के दीपक जलाए जाएंगे। भूमि पूजन के बाद मंदिर प्रशासन भक्तों को प्रसाद बांटेगा, जिसके लिए करीब एक लाख पैकेट लड्डू के आर्डर दिए जा चुके हैं।
इन मंदिरों का भी काया कल्प होगा
रामनगरी अयोध्या में छोटे-बड़े एक हजार से अधिक मंदिर हैं। राममंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद के बाद इनमें से दर्जनों मंदिरों के दरवाजे नहीं खुले। सालों-साल बीत गए इन मंदिरों से घंटे-घडिय़ाल की आवाज नहीं गूंजी। पूजा-पाठ बंद होने से चढ़ावा आना बंद हो गया और मंदिर जर्जर हो गए। जब जबकि रामलला मंदिर का निर्माण शुरू होने हो है तब इन मंदिरों के भी दिन भी बहुरने की उम्मीद जगी है। वहीं रामलला मंदिर के रास्ते के चौड़ीकरण की जद में आने वाले कुछ जर्जर मंदिर ढहाए भी जाएंगे। नगर निगम ने ऐसे करीब 176 मंदिरों, धर्मशालाओं और भवनों की सूची तैयार की है जिन्हें जर्जर होने की वजह से ढहा दिया जाएगा। इनमें से कुछ मंदिरों के मंहतों ने फिर से नयी मंदिर के निर्माण की संकल्पना जतायी है। इस तरह अयोध्या में मंदिरों के फिर से गुलजार होने पर यहां के ‘विकास कांड’ की यात्रा में चार चांद लग जाएंगे।
कार्यक्रम में मामूली बदलाव
श्रीराम मंदिर के शिलान्यास और भूमि पूजन कार्यक्रम में योगी सरकार किसी को नाराजन नहीं करना चाहती। इसलिए कार्यक्रम में थोड़ा बदलाव किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुड़े नींव पूजन कार्यक्रम में 200 लोगों को ही शामिल होने की अनुमति मिली है लेकिन, रामलला परिसर में अब दो पंडालों में कुल 600 लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी। आयोजन स्थल पर अब संस्कृति विभाग प्रदर्शनी नहीं लगाएगा। पहले परिसर के उत्खनन के दौरान मिली मूर्तियोंं, स्तंभों आदि की प्रदर्शनी भी लगनी थी।
नींव पूजन के ऐतिहासिक आयोजन में सोशल डिस्टेंसिग की वजह से अयोध्या के तमाम संत महात्माओं, विभिन्न अखाड़ों, मठों व मंदिरों से जुड़े लोगों को सीधे रूबरू होने का मौका नहीं मिल रहा था। इससे संत नाराज थे। नाराजगी को देखते हुए आयोजन स्थल पर अब दो पंडाल बनाने का निर्णय लिया गया है। जहां प्रशासनिक व्यवस्था से जुड़े लोग और साधु-संतों के बैठने के लिए अलग-अलग व्यवस्था होगी।
सिर्फ चार को ही संबोधन की अनुमति
पांच अगस्त को प्रधानमंत्री 11.15 पर अयोध्या पहुंचेंगे। वह करीब 3 घंटे रहेंगे। आयोजन स्थल पर एक छोटा मंच भी बनेगा जिससे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, संघ प्रमुख मोहन भागवत और अयोध्या ट्रस्ट के प्रमुख चंपतराय संबोधित करेंगे। पीएम रामलला के अस्थायी मंदिर में दर्शन करेंगे, उसके बाद हनुमानगढ़ी जाएंगे और फिर आयोजन स्थल पहुंचेंगे। भूमि-पूजन के निर्धारित मुहूर्त पर दोपहर साढ़े 11 से साढ़े 12 बजे के मध्य हरि संकीर्तन का आयोजन किया जाएगा।
प्रदेश के संस्कृति विभाग की ओर से अयोध्या शोध संस्थान द्वारा तैयार करवाए जा रहे रामायण विश्वमहाकोश (इंसाइक्लोपीडिया) का पहला खंड अयोध्या पर आधारित होगा। इस विश्वमहाकोश के कवर पेज का 5 अगस्त को भूमि पूजन के अवसर पर पीएम नरेंद्र मोदी लोकार्पण करेंगे।
राज्य के संस्कृति निदेशक शिशिर ने बताया कि रामायण विश्व महाकोश को विभिन्न खंडों में विभाजित करते हुए सबसे पहले अयोध्या खंड की योजना बनाई गई है। इसमें अयोध्या के नामकरण के साथा पुरातत्व, इतिहास और उसके सभी सांस्कृतिक, धार्मिक व साहित्यिक परिप्रेक्ष्य को समाहित किया जाएगा। दूसरे खंड में अयोध्या के सभी राजाओं पर शोधपरक जानकारी एकत्र की जाएगी। जिसमें इक्ष्वाकु वंश से लेकर राम तक लगभग 65 राजाओं का विवरण संकलित किया जाएगा। तीसरे खंड के लिए प्रदेश की जानकारियां संकलित की जा रही हैं। जिसमें भारतवर्ष के सभी राज्यों में प्रत्येक में एक-एक खंड के प्रकाशन की योजना है।
संस्कृति निदेशक ने बताया कि इस प्रकाशन-संकलन में स्थापत्य को संकलित करते हुए प्रत्येक जिला स्तर तक राम, हनुमान, जानकी और रामायण संदर्भित मंदिरों का दस्तावेजीकरण अधिकतम 500 शब्दों में, एक मंदिर के 4 फोटो सहित किया जाएगा। इसी तरह मूर्ति, चित्र और मूर्त विरासत की सभी परम्पराओं का दस्तावेजीकरण वैज्ञानिक आधार पर इंसाइक्लोपीडिया फार्मेट में किया जाना है। अयोध्या शोध इस पर काम कर रहा है। इंसाइक्लोपीडिया का लोगों कंबोडिया के दसवीं शताब्दी के एक मंदिर के मुख्य द्वार पर रामायण के प्रथम श्लोक से सम्बंधित कलाकृति पर आधारित है। जिसमें बहेलिया युगल क्रौंच पक्षी,ब्रम्हा, वाल्मीकि, भारद्वाज अंकित हैं। यह अंकन क्रमश: और मंदिर के बाहर बनाया गया है जो रामायणा की पूरी भाव भूमि को प्रकट करने वाली विश्व की सबसे प्राचीन कलाकृति है।
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के मंदिर निर्माण 5 अगस्त से प्रारंभ कर दिया जाएगा इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूमि पूजन कर आधारशिला जिसको लेकर रामजन्मभूमि परिसर में युद्ध स्तर पर तैयारी शुरू कर दी गई है। वही दूसरी तरफ अयोध्या को पिंक सिटी के रूप में परिवर्तित की जा रही है नया घाट से लेकर साकेत महाविद्यालय तक सभी विभागों व दुकानों को एक रंग में रंगा जा रहा है इसके साथ ही अयोध्या के मठ मंदिरों की सजावट भी रंग-बिरंगी झालरों से किया गया है 3, 4 व 5 अगस्त को अयोध्या में दीपोत्सव का आयोजन किया जाएगा जिसको लेकर रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट व जिला प्रशासन के साथ ही भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं का अवध विश्वविद्यालय के छात्र छात्राएं ने इस महोत्सव को संपन्न करने के लिए तैयारी शुरू कर दी है।
विंध्याचल के कारीगरों द्वारा तैयार किया जा रहा देशी घी का एक लाख ग्यारह हजार लड्डू
मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के भव्य मंदिर निर्माण का प्रसाद देश के सभी तीर्थ स्थलों व राम भक्तों तक भेजा जाएगा जिसके लिए विशेष कारीगरों के माध्यम से एक लाख ग्यारह हजार देशी घी का लड्डू तैयार किया जा रहा है।
5 अगस्त को भगवान श्री राम की भव्य मंदिर निर्माण का कार्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा भूमि पूजन के बाद प्रारंभ कर दिया जाएगा 5 अगस्त को विधि-विधान पूर्वक वैदिक विद्वानों के माध्यम पूजा अर्चना कर आधारशिला रखी जाएगी इस दौरान विंध्याचल के विशेष कारीगरों द्वारा तैयार किया जाए लड्डू श्री राम लला को भोग लगाया जाएगा जिसका प्रसाद रामजन्मभूमि परिसर में मौजूद इस आयोजन शामिल लोगों के साथ पूरी अयोध्या व देश के सभी तीर्थ स्थल बार राम भक्तों तक पहुंचाया जाएगा जिसके लिए बड़ी संख्या में लड्डू तैयार किए जा रहे हैं। विंध्याचल से आए विनोद कुमार ने बताया कि 1 दर्जन से अधिक कारीगरों के माध्यम से एक लाख 11 हजार देशी घी का लड्डू तैयार किया जा रहा है जिसे अयोध्या ही नहीं देश के सभी तीर्थ स्थल तक रामलला के इस प्रसाद को पहुंचाया जाएगा।