विकास की रिपोर्ट
लुधियाना। लंबे समय बाद इस बार रक्षा बंधन के दिन बन रहा विशेष संयोग। इस वर्ष श्रावण के आखिरी सोमवार पर श्रावण पूर्णिमा व श्रवण नक्षत्र का महासंयोग बन रहा है। यह उत्तम संयोग है। रक्षा बंधन पर बन रहे ये संयोग बहुत ही लाभदायक होंगे। इन दिन तीन विशेष संयोग बनने पर बहन-भाईयों को विशेष लाभ मिलेंगे। तीन अगस्त को सुबह 6:51 बजे से ही सिद्धि योग शुरू हो रहा है।
यह योग बहुत फलदाई होता है। इसी प्रकार इस दिन प्रात उत्तराषाढ़ा नक्षत्र 7:18 बजे से श्रवण नक्षत्र रहेगा। जो अति उत्तम है। ज्योतिषाचार्या डॉ. पुनीत गुप्ता ने बताया कि इस साल रक्षाबंधन का पर्व तीन अगस्त को मनाया जाएगा। पूर्णिमा तिथि आरंभ 21:28 (2 अगस्त) व पूर्णिमा तिथि समाप्त- 21:27 (3 अगस्त)। जबकि रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त तीन अगस्त को 9:30 से 21:11:21 तक, अपराह्न मुहूर्त 13:46 से 16:26, प्रदोष काल मुहूर्त 19:06 से 21:14 तक रहेगा।
29 साल बाद आया ऐसा संयोग
पं. वाई पी शर्मा के अनुसार इस वर्ष 29 वर्ष बाद रक्षाबंधन का पर्व श्रावण के पांचवें और अंतिम सोमवार के दिन पड़ रहा है। इस दिन रक्षाबंधन का शुभ संयोग पड़ रहा है। भद्रा सूर्य की पुत्री है और शनि की बहन, जो इस बार रक्षाबंधन के दिन सुबह 9:29 बजे तक रहेगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भद्रा में शुभ कार्य करना वर्जित माना गया है। भद्रा की समाप्ति के बाद ही बहन अपने भाई की कलाई पर रखी बांधें। अगस्त की तीन तारीख को सुबह 7:20 बजे तक उत्तराषाढ़ नक्षत्र है और उसके बाद श्रवण नक्षत्र लग जाएगा।
भद्रा काल में राखी बांधना अशुभ
ज्योतिषाचार्य नितिश वर्मा के अनुसार दो अगस्त रात्रि 8:36 से तीन अगस्त सुबह 8:31 बजे तक भद्रा काल रहेगा। इसमें राखी बांधना शुभ नहीं है। रक्षा बंधन के लिए सुबह 9:30 बजे से रात्रि 9:14 तक विशेष मुहुर्त रहेगा। इस दौरान बहन अपनी भाई को किसी भी समय राखी बांध सकेंगी। वहीं ग्रह गोचर की स्थिति अनुसार सूर्य शनि के समसप्तक और गुरु शुक्र का समसप्तक संबंध देश में राजनीतिक टकराव विरोध, हिंसक घटनाओं और युद्ध जैसे वातावरण को लक्षित कर रहे हैं।