किसानों के प्रदर्शन के दौरान पत्रकार पर हुए हमले के बाद जहां विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने आंदोलन करते किसानों को मवाली करार दिया तो वहीं इस पर किसान नेताओं के पंजाब के मुख्यमंत्री ने उन पर हमला बोला है. कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा इसे किसान विरोधी मानसिकता करार दिया.
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट करते हुए कहा पत्रकारों पर हमला निंदनीय है. लेकिन मीनाक्षी लेखी को किसानों को अपमानित करने का कोई अधिकारी नहीं है. पंजाब सीएम ने आगे कहा कि उनकी इस अपमानजक टिप्पणी से यह जाहिर होता है कि किसी तरह बीजेपी की किसान विरोधी मानसिकता है. अमरिंदर ने कहा कि उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.
इससे पहले, मीनाक्षी लेखी के मवाली वाले बयान को भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने गलत करार दिया. राकेश टिकैत ने कहा कि उपद्रवियों जैसा कुछ नहीं है. राकेश टिकैत ने कहा कि किसानों के लिए इस तरह की टिप्पणी करना गलता है. हम किसान है न कि मवाली. उन्होंने आगे कहा कि किसान जमीन के अन्नदाता है.
इससे पहले, मीडियाकर्मी पर हुए कथित हमले पर विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा, ‘वे किसान नहीं, वे मवाली है… ये आपराधिक कृत्य है. 26 जनवरी को जो हुआ वह भी शर्मनाक आपराधिक गतिविधियां थी. विपक्ष ने इस तरह की गतिविधियों को बढ़ावा दिया है. इसका संज्ञान लेना चाहिए. ये आपराधिक मामला है.’
वहीं टीएमसी सांसद शांतनु सेन की ओर से आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव के हाथ से पेपर छीनकर फाड़ने के मामले को लेकर मीनाक्षी लेखी ने कहा कि विपक्ष विशेष रूप से टीएमसी और कांग्रेस के सदस्य इतने नीचे गिर जाएंगे कि वे राजनीतिक विरोधी होते हुए भी देश की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने वाले काम करेंगे. आज सदन में एक सदस्य ने बयान देने वाले मंत्री से कागजात छीन लिए. टीएमसी के सांसदों का बर्ताव शर्मनाक है.
इधर, केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी किसान संसद के दौरान मीडिया पर हुए हमले की निंद की. उन्होंने कहा कि इलैक्ट्रोनिक मीडिया की बड़ी जिम्मेदारी है देशभर से जानकारियों को इकट्ठा करना. अगर किसी कैमरामेन से मारपीट हुई है तो ऐसा नहीं होना चाहिए और मैं इसकी कड़ी आलोचना करता हूं. यह दुख की बात है.