बाजार से लेकर बसों और सड़कों पर तेजी से भीड़ बढ़ रही है। लोग कोरोना के प्रति फिर से लापरवाह दिखाई दे रहे हैं। भारत में अभी भी डेल्टा वेरिएंट, टीकाकरण, नियमों में ढील, अस्पतालों में सुविधाएं और वैक्सीनेशन के बाद भी कोविड के बढ़ते मामलों में स्थिति ज्यादा गंभीर नजर आ रही है।
धीमी पड़ गई है टीकाकरण की रफ्तार
कई शहरों से अभी भी कोरोना के टीके नहीं होने की शिकायतें सामने आ रही हैं। जिसकी वजह से टीकाकरण की रफ्तार धीमी पड़ गई है। आए दिन कई राज्यों से टीके नहीं उपलब्ध होने के मामले सामने आते रहते हैं। रविवार को भारत में 18.99 लाख लोगों को कोरोना वैक्सीन दी गई है। देश में सामान्य दिनों में तो 40 से 50 लाख वैक्सीन लगाई जा रही हैं, लेकिन शनिवार और रविवार को यह तादाद काफी घट जाती है, क्योंकि कई राज्यों में टीकाकरण केंद्र बंद रहते हैं। देशभर में 16 जनवरी से टीकाकरण अभियान शुरू हुआ था। 21 जून को रिकॉर्ड 90 लाख से ज्यादा लोगों को टीका लगा था। लेकिन अब रफ्तार सुस्त नजर आ रही है।
फिर तेजी से बढ़ने लगे कोरोना के मामले
कई शहरों में लॉकडाउन में मिली छूट के बाद नए कोरोना केस फिर से बढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। एक तरफ जहां यूपी, मध्यप्रदेश, बिहार, राजस्थान, हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों में कोरोना मामलों का दैनिक आंकड़ा 100 के करीब बना हुआ है। लेकिन महाराष्ट्र, दक्षिण भारत के राज्य समेत पूर्वोत्तर के राज्यों में हालत चिंताजनक बनी हुई है। सोमवार को देश में एक दिन में 39,361 नए केस दर्ज किए गए हैं। इससे पहले रविवार को भी 39,742 नए केस पाए गए थे। इससे साफ नजर आ रहा है कि कोरोना के नए मामलों की संख्या अभी भी खतरे के निशान के करीब है। अभी भी हर दिन औसतन 40 हजार नए केस सामने आ रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अगर केस इस तरह बढ़ते रहे तो तीसरी लहर को रोकना मुश्किल है।
नए डेल्टा वेरिएंट ने भी बढ़ाई है चिंता
लगातार बढ़ते नए मामलों के बीच वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कोरोना के नए स्वरूप डेल्टा थ्री वेरिएंट को लेकर चिंता जताई है। आईसीएमआर की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक देश में रोजोना मिलने वाले 40 हजार मामलों में करीब 80 फीसदी इसी डेल्टा वेरिएंट के हैं। भारत में अभी भले ही डेल्टा थ्री वेरिएंट का कोई भी केस सामने नहीं आया है लेकिन जीनोम सीक्वेसिंग की निगरानी कर रहे इन्साकॉग समिति ने फिर भी इससे अलर्ट रहने को कहा है। वहीं, कई अध्ययनों में सामने आया है कि कोरोना वायरस का डेल्टा वेरिएंट इतना ताकतवर है कि वैक्सीन के असर को भी खत्म कर दे रहा है।
नियमों में मिली ढील से बढ़ रहा खतरा
कोरोना की तीसरी लहर को लेकर सरकारी महकमे भले ही लोगों को एहतियात बरतने की सलाह दे रहे हों लेकिन जनता मानने को तैयार नहीं हैं। बाजार से लेकर बस स्टेशन, मेट्रो और रेलवे स्टेशन पर लगातार भीड़ बढती जा रही है। लोग कोविड नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए नजर आ रहे हैं। भारत में मास्क न पहनने की छूट तो अभी नहीं दी गई है लेकिन अधिकांश लोग मास्क के बिना नजर आ रहे हैं। ऐसे में कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका बहुत तेजी से बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं
टीका लेने के बाद लोग हो रहे संक्रमित
देश में वैक्सीनेशन शुरू हुए 190 दिन हो गए हैं और अब तक 33.37 करोड़ से ज्यादा लोगों को वैक्सीन की कम से कम एक डोज लगाई जा चुकी है। टीके लगने के बाद भी संक्रमण के मामले बढ़ते हुए दिखाई दे रहे हैं। डॉक्टर, नर्स, अस्पताल और क्लीनिक में काम करने वाले लोगों को खासतौर पर इसका सामना करना पड़ा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना का टीका नहीं लेने वाले लोगों की तुलना में वैक्सीन लेने वाले लोगों पर बीमारी का असर कम होता है। कोरोना का प्रसार रोकने के लिए टीकाकरण ही एकमात्र बचाव है।