कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपना ट्विटर अकाउंट बंद (लॉक) किये जाने को लेकर शुक्रवार को इस माइक्रोब्लॉगिंग मंच पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि यह अमेरिकी कंपनी पक्षपातपूर्ण है, यह भारत की राजनीतिक प्रक्रिया में दखल दे रहा है तथा सरकार के कहे मुताबिक चल रहा है.
उन्होंने यह दावा भी किया कि ट्विटर की ओर से जो किया गया है वह भारत के लोकतांत्रिक ढांचे पर हमला है.
उल्लेखनीय है कि ट्विटर ने राहुल गांधी, कांग्रेस और पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं के ट्विटर अकाउंट बंद कर दिये हैं. कुछ दिनों पहले ही दिल्ली में कथित दुष्कर्म एवं हत्या की पीड़िता नौ वर्षीय बच्ची के माता-पिता से मुलाकात की तस्वीर साझा करने को लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का ट्विटर अकाउंट बंद किया गया था.
दूसरी तरफ, ट्विटर ने कहा है कि उसने ये कदम नियमों के तहत उठाए हैं.
राहुल गांधी ने शुक्रवार को एक बयान जारी कर कहा, ‘मेरा ट्विटर अकाउंट बंद करके वे हमारी राजनीतिक प्रक्रिया में दखल दे रहे हैं. एक कंपनी हमारी राजनीति का दायरा तय करने के लिए अपने कारोबार का उपयोग कर रही है. एक नेता के तौर पर मैं इसे पसंद नहीं करता.’
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उन्होंने दावा किया, ‘यह हमारे देश के लोकतांत्रिक ढांचे पर हमला है. यह राहुल गांधी पर हमला नहीं है. सिर्फ यह नहीं है कि राहुल गांधी का अकाउंट बंद कर दिया गया. मेरे पास 1.9 करोड़ से दो करोड़ के बीच फॉलोवर हैं. आप उन्हें अपने विचार रखने के अधिकार से वंचित कर रहे हैं. आप यही कर रहे हैं.’
उन्होंने आरोप लगाया, ‘यह सिर्फ अनुचित ही नहीं, बल्कि उस विचार की अहवेलना है कि ट्विटर एक तटस्थ मंच है. यह निवेशकों के लिए बहुत खतरनाक है क्योंकि राजनीतिक मुकाबले में किसी एक का पक्ष लेने पर ट्विटर के लिए प्रतिक्रियां भी होंगी.’
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने यह दावा भी किया, ‘हमारे लोकतंत्र पर हमला किया गया है. हम संसद के अंदर बोल नहीं सकते. मीडिया नियंत्रित है. मैंने सोचा था कि यह उम्मीद एक रोशनी है जहां हम ट्विटर पर अपने विचार रख सकते थे. लेकिन यह बात नहीं है.’
उन्होंने कहा, ‘अब यह स्पष्ट है कि ट्विटर तटस्थ एवं उद्देश्यात्मक मंच नहीं है. यह पक्षपातपूर्ण मंच है. यह वही सुनता है, जो सरकार कहती है.’
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