NewDelhi: रिमझिम पड़ती फुहार और बारिश की बूंदे सभी का मन मोहती है परंतु यही बारिश की बूंदे जब रौद्र रूप धारण करती हैं तो मौसम विभाग को चेतावनी देना पड़ती है।
मौसम विभाग के मुताबिक 7 से 8 सितंबर के बीच उत्तर-पश्चिमी भारत के कई राज्यों में भारी बारिश की संभावना जताई गई है, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, उत्तर पंजाब, और जम्मू कश्मीर, राजस्थान, में भी आंधी तूफान के साथ बारिश की आशंका है।
मौसम का मिजाज कुछ बदलो सा दिख रहा है दिल्ली में जहां बादलों की आवाजाही जारी है वहीं मुंबई में आज सुबह अच्छी बारिश हुई है मौसम विभाग ने बताया है कि आज से 4 दिनों तक देश के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम तो कई हिस्सों में भारी बारिश हो सकती है विभाग के मुताबिक एक चक्रवर्ती परिसंचरण पूर्वोत्तर और उससे सटे पूर्वज बंगाल की खाड़ी पर बना हुआ है और मध्य क्षोभमंडल स्तर तक फैला हुआ है।
इसके प्रभाव से, अगले 48 घंटों के दौरान उत्तर और इससे सटे मध्य बंगाल की खाड़ी पर एक निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है.
मॉनसून की ट्रफ लाइन वर्तमान में अपनी सामान्य स्थिति के साथ चल रही है. इसके पूर्वी छोर के अगले 24 घंटों के दौरान अपनी सामान्य स्थिति से दक्षिण की ओर खिसकने की संभावना है और अगले 3-4 दिनों तक वहीं बना रहेगा. वहीं एक चक्रवाती परिसंचरण कच्छ और आस-पड़ोस पर बना हुआ है और ऊंचाई के साथ दक्षिण-पश्चिम की ओर झुका हुआ मध्य-क्षोभमंडल स्तर तक फैला हुआ है.
आठ सितंबर तक देश के इन हिस्सो में भारी बारिश का अलर्ट जारी है ।
इसके साथ ही एक और चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र उत्तर पश्चिमी राजस्थान और उससे सटे पंजाब पर निचले क्षोभमंडल स्तर पर बना हुआ है. इसकी वजह से अगले 4 दिनों के दौरान दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में अलग-अलग इलाको में भारी से बहुत भारी वर्षा हो सकती है. मौसम विभाग के मुताबिक 5 से 8 सितंबर के दौरान कोंकण और गोवा, मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में और 7 से 8 सितंबर, 2021 के दौरान गुजरात राज्य में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है.
वहीं मध्य प्रदेश, विदर्भ और छत्तीसगढ़ में भी बहुत भारी वर्षा की संभावना है. ओडिशा में और छह और सात सितंबर को बिहार, झारखंड मे भी भारी बारिश हो सकती है. 6 सितंबर से उत्तर पश्चिमी भारत के अधिकांश हिस्सों में छिटपुट से काफी व्यापक वर्षा के साथ वर्षा गतिविधि बढ़ने की बहुत संभावना है, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा और चंडीगढ़ में भी भारी बारिश और 7 और 8 सितंबर को पूर्वी राजस्थान और 6 और 7 सितंबर को उत्तराखंड में भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है.
मौसम विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक 1901 के बाद ऐसा तीसरी बार होगा, जब सितंबर महीने में इतनी बारिश होगी. 1917 में सिर्फ सितंबर महीने में 285.6 एमएम की बारिश हुई थी। मौसम विभाग ने सितंबर महीने में तेज बारिश के पीछे 3 वजहें बताई हैं। पहली- पैसिफिक ओसन के ऊपर बना अल नीनो का इफेक्ट। जिसने मानसून को दबाया और जुलाई में कम बारिश हुई। ठीक उसी वक्त इंडियन ओशन में मानसून के अनुकूल वातावरण तैयार।