मेरठ: बिजनौर में गंगा अपने उफान पर है। गंगा बैराज पर बीती रात जलस्तर अधिकतम 220.10 मीटर पर पहुंच गया था। जिसके बाद मामूली घटत हुई है, लेकिन इसके बाद भी जलस्तर खतरे के निशान के करीब ही बना हुआ है।मुजफ्फरनगर के रामराज खादर, मेरठ के हस्तिनापुर क्षेत्र और बिजनौर के खादर क्षेत्र के ग्रामीणों की चिंता बढ़ गई है। बिजनौर के गांव रावली की नई बस्ती में पानी घुस गया है। कई गांवों के जंगल में कटान भी शुरू हो गया है
मेरठ के हस्तिनापुर क्षेत्र में गंगा नदी में जलस्तर बढ़ने से खादर क्षेत्र में परेशानी खड़ी हो गई है। शेरपुर के सामने से पहले ही तटबंध टूटा हुआ था, अब फतेहपुर प्रेम के ऊपर भी तटबंध से रिसाव शुरु हो गया है और टूटने का खतरा मंडराने लगा है। हालांकि सेवादार व मनरेगा के श्रमिक तटबंध को दुरुस्त करने में लगे हुए है। राहत की बात यह है कि हरिद्वार से गंगा नदी के जलस्तर में कमी आई है। उधर, रामराज मार्ग पर भी पानी आ गया है।
गंगा के बढ़े जलस्तर ने खादर क्षेत्र में परेशानियां खड़ी कर दी हैं। सिरजेपुर जाने वाले मार्ग पर पानी आ गया है। जिससे रठौरा कलां, शेरपुर, हंसापुर, परसापुर आदि गांवों के ग्रामीणों को भारी परेशानी हो रही है। खेतों में भारी भरने के कारण पशुओं के चारे की समस्या भी है। वहीं ज्यादा समय तक पानी भरे रहने से फसलों के गलने की संभावना भी है। जिससे किसानों के माथे पर चिंता की लकीरे हैं। शेरपुर गांव के सामने से पहले से ही अस्थायी तटबंध टूटा हुआ है। जिसमें से गंगा नदी कापानी निकलकर खादर क्षेत्र में आ पहुंचा। संत बाबा बूटा सिंह ने बताया कि फतेहपुर प्रेम के ऊपर जिस स्थान पर पहले तटबंध टूटा था, वहां से भी पानी का रिसाव शुरु हो गया है। जिससे तटबंध के टूटने की आशंका है। तटबंध को मजबूत करने के लिए सेवादार व मनरेगा के श्रमिक लगे हुए है। उपजिलाधिकारी कमलेश कुमार गोयल का कहना है कि खादर क्षेत्र की स्थिति पर नजर रखे हुए है। गंगा किनारे लेखपालों को तैनात किया गया है। तटबंध को दुरुस्त कराने का कार्य जारी है।
मुजफ्फरनगर। पहाड़ी क्षेत्रों में हो रही बारिश से रामराज खादर क्षेत्र में बाढ़ का खतरा का मंडरा रहा है। जिससे क्षेत्र के ग्रामीण बेहद चिंतित दिखाई दे रहे हैं। मंगलवार की रात 9 बजे मध्य गंगा बैराज पर गंगा का जलस्तर खतरे के निशान 220 मीटर से 10 सेन्टीमीटर ऊपर पहुंच गया था। जिसके बाद ग्रामीण तटबंध पर बैठकर बढ़ते जलस्तर पर नजर जमाए हुए रहे। बुधवार की सुबह 6 बजे जलस्तर 10 सेन्टीमीटर घट गया और गंगा में 3 लाख 9 हजार क्यूसेक जल निस्तारण की माप दर्ज की गई। गंगा बैराज पर तैनात जेई पीयूूष चौधरी ने बताया कि अब सुबह से गंगा का जलस्तर घटता जा रहा है। सुबह 9 बजे गंगा का जलस्तर घटकर 219.9 मीटर पर पहुंच गया है। इस समय गंगा नदी में 2 लाख 70 हजार क्यूसेक जल निस्सारण हो रहा है। उन्होंने बताया कि सुबह 8 बजे हरिद्वार से गंगा बैराज में 1 लाख 85 हजार क्सूसेक जल छोड़ा गया है।
गंगा के जल का बहाव इस बार तटबंध की ओर है। साथ ही पानी तटबंध से मिलकर बह रहा है। तेज बहाव होने के कारण हंसावाला, इशाकवाला, फरीदपुर आदि गांवों के किसानों की गन्ने की फसल पानी में बह गई। पूर्व में भी गंगा का पानी बढ़ने से किसानों की सैकड़ों बीघा फसल नष्ट हो गई थी। जिसको लेकर किसान बेहद परेशान दिखाई दे रहे हैं।
गंगा बैराज से मेरठ जनपद की सीमा तक करीब 16 किमी लम्बा तटबंध बना हुआ। यह तटबंध पूर्व में ग्रामीणों ने बनाया था, लेकिन बाद में इसे प्रशासन ने अपने अधीन कर लिया तथा मिट्टी का कटान होने के बाद यहां पर प्रशासन द्वारा इसकी मरम्मत कराई जाती है। बारिश के पानी व गंगा के बढ़ते जलस्तर से तटबंध में जगह-जगह कटान हो गया था। जिसको ठीक करने के लिए पूरी रात जेसीबी से मिट्टी डालकर मरम्मत का काम होता रहा। ग्रामीणों का आरोप है कि तटबंध की मरम्मत में मात्र खानापूर्ति हो रही है।
गंगा का जलस्तर बढ़ने तथा गंगा का रूख तटबंध की ओर होने से ग्रामीण चिंतित हो उठते हैं। बता दें कि कुछ माह पूर्व गांव अहमदवाला, हंसावाला, अल्लूवाला, फरीदपुर, चुहापुर, लालपुर-रहडवा आदि के ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से मिलकर तटबंध को सुरक्षित रखने के लिए जगह-जगह पत्थरों की ठोकर बनवाने की मांग की थी, लेकिन प्रशासन द्वारा आज तक उक्त कार्य को करने के लिए कोई भी योजना तैयार नही की गई है। जिससे ग्रामीणों में प्रशासन के प्रति भारी नाराजगी दिखाई पड़ रही है।
बिजनौर। भीमगोड़ा बांध से बुधवार की सुबह आठ बजे 2.70 लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया, जबकि मंगलवार की रात्रि आठ बजे 3.67 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया था। इससे गंगा में उफान आ गया है। गंगा का पानी रावली स्थित नईबस्ती में तीन-तीन फुट भरा हुआ है, जबकि गंगा का पानी बैक होने की वजह से रावली-शहजादपुर के बीच बने रपटे पर चार-चार फुट पानी चल रहा है। वहीं गंगा में उफान आने की वजह से मंडावर खादर क्षेत्र के ग्राम डैबलगढ़, फतेहपुर सभाचंद, सीमला, सीमली, राजारामपुर, लाडपुर, लतीफपुर समेत कई अन्य गांव के जंगल में कटान शुरू हो गया है। यहीं स्थिति नांगलसोती क्षेत्र के ग्राम गौसपुर की है। ग्राम गौसपुर में गंगा की धार पानी से पांच सौ मीटर दूर बह रही है। जलीलपुर में फसलें जलमग्न हो गई। उधर बैराज के सभी गेट फ्री होने की वजह से उक्त पानी सीधा डाउन स्टीम में पास हो रहा है।