भारतीय वायु सेना का एमआई-17 हेलीकॉप्टर बुधवार को तमिलनाडु के नीलगिरी जिले के कुन्नूर इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हादसे में भारत ने अपने पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत के अलावा अन्य 11 सैनिकों को खो दिया। बताया जा रहा है कि हेलीकॉप्टर में 14 लोग थे। इसमें 13 लोगों की जान चली गई। हादसे में ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह अकेले सर्वाइवर हैं। उनकी हालत नाजुक बताई जा रही है। ग्रुप कैप्टन मूलरूप से यूपी के देवरिया के रहने वाले हैं।
सलामती की प्रार्थना
शौर्य चक्र वीरता पुरस्कार प्राप्त करने वाले सिंह बुधवार की रात बच गए और डीएसएससी में उनके ठीक होने की प्रार्थना है। सिंह का इलाज कर रहे डॉक्टरों की टीम कुछ नहीं कह रही है और अगले 48 घंटे गंभीर होंगे। सिंह को हाल ही में विंग कमांडर से ग्रुप कैप्टन के रूप में पदोन्नत किया गया था और वह हाल ही में डीएसएससी में शामिल हुए थे।
वायुसेना ने जारी किया बयान
भारतीय वायु सेना के आधिकारिक बयान के अनुसार, ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह 14 लोगों में से अकेले हैं, जो हेलीकॉप्टर दुर्घटना में बचे हैं। हेलीकॉप्टर के क्रैश होने के बाद उसमें आग लग गई थी और इस वजह से ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का शरीर बहुत बुरी तरह झुलस गया है। अब उनका इलाज वेलिंगटन के आर्मी हॉस्पिटल में चल रहा है।
कौन हैं ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह
- ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को इस साल के स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने शौर्य चक्र से सम्मानित किया था
- पिछले साल एक उड़ान के दौरान ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के तेजस फाइटर में तकनीकी खराब आ गई थी और उन्होंने अपने फाइटर प्लेन को मिड-एयर इमरजेंसी के बावजूद सुरक्षित उतारा था
- इस साहसिक कार्य के लिए उन्हें शौर्य चक्र से नवाजा गया था.
- ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के रुद्रपुर तहसील के कन्हौली गांव के रहने वाले हैं
- इस समय वरुण सिंह इंडियन एयर फोर्स में ग्रुप कैप्टन के पद पर तैनात हैं और तमिलनाडु के वेलिंगटन में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज के डायरेक्टिंग स्टाफ हैं
- वरुण सिंह के पिता कर्नल केपी सिंह भी सेना से रिटायर्ड हैं
- वर्तमान में उनका परिवार मध्य प्रदेश के भोपाल में रहता है