देश के चहुंमुखी विकास को लेकर गहन चिंतन रखने वाले सत्यप्रकाश रेशू अग्रवाल ने 4 मई को राजभवन लखनऊ में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से भेंट की। सत्यप्रकाश रेशू अग्रवाल को रविवार 1 मई को राजभवन से फोन आया था कि देश के चहुंमुखी विकास के लिए 4 मई को लखनऊ के राजभवन में राज्यपाल महोदया से वार्ता करने के लिए आपको आना हैं। (सत्यप्रकाश रेशू और दिनेश गर्ग सीएमडी मेगमा राज्यभवन 04-05-2022 में महामहिम राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के साथ देश के चहुंमुखी विकास के विषयों पर वार्ता के बाद ” श्रीराम दुपट्टा, सरस्वती लेखनी, शुभ विचार ” भेंट करते हुए)
सत्यप्रकाश रेशू ने अपनी बात की शुरुआत महामहिम राज्यपाल को ‘’ माता श्री ’’ कहकर शुरु की। जिससे वे मुस्कुराई व बात आगे बढ़ाई। शुक्रताल के चहुंमुखी विकास, श्रीमद् भागवत कथा स्थल के जीर्णोद्धार, गंगा की धारा को शुक्रताल में लाने के लिए व स्वामी कल्याण देव की जीवन शैली को जन-जन तक पहुंचाने के लिए महामहिम राज्यपाल महोदया को जनता की ओर से एक पत्र लिखा था। जिसमें मतदान न कर पाने वालों का मतदान सुनिश्चित करने की खोज की बात भी लिखी थी। जिस खोज से ‘’ डिजिटल इंडिया-डिजिटल भारत-डिजिटल चुनाव ’’ की नीति अपनाते हुए लगभग 95% तक मतदान संभव होगा तथा मतदान न कर पाने वाले मतदाता विश्व के किसी भी कोने में रहते हुए आसानी से मतदान कर सकते हैं। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ‘’ सारे चुनाव एक साथ ’’ की सोच संभव होगी।
डिजिटल चुनाव नीति से देश का अंतिम व्यक्ति भी आसानी से चहुंमुखी विकास के रास्ते पर चल पड़ेगा। जिसे महामहिम राज्यपाल ने गंभीरता से समझा व शुक्रताल को हरिद्वार की साथ-साथ गंगा एक्सप्रेसवे से जोड़ने की बात को भी गंभीरता से समझा। वार्ता के समय सत्यप्रकाश रेशू अग्रवाल ने सभी की ओर से महामहिम को शुक्रताल आने का निमंत्रण दिया। महामहिम राज्यपाल शुकतीर्थ आने, भागवत सप्ताह का शुभारंभ करने का निमंत्रण पाकर प्रसन्न हुई व शीघ्र ही शुकतीर्थ आने का प्रोग्राम सुनिश्चित कर सूचित करने को कहा। महामहिम को श्रीराम नाम का पटका, संतो के शुभ विचार व मां सरस्वती की लेखनी (पेन) सभी की ओर से भारत को विश्व महाशक्ति बनाने के लिए भेंट स्वरुप दी गई। इस अवसर पर दिनेश गर्ग मेगमा इडंस्ट्री व सत्यप्रकाश रेशू को महामहिम ने कठोर परिश्रम, ईमानदारी व कर्तव्यनिष्ठा का सिद्धांत समझाया। जिससे चहुंमुखी विकास आसानी से संभव होगा।
शुकतीर्थ वह पुण्य स्थल है जहां श्री सुखदेव जी ने राजा परीक्षित को प्रथम बार वट वृक्ष के नीचे गंगा तट पर श्रीमद् भागवत कथा सुनाई थी व राजा परीक्षित को ऋषि के श्राप से मुक्ति मिली थी। इससे पूर्व सत्यप्रकाश रेशू अग्रवाल ने महामहिम राज्यपाल महोदया को अजवाइन काली मिर्च व सोंठ से बना स्वास्थ्यवर्धक एवं ऑर्गेनिक गुड़ शक्कर भेजा था। जिसके लिए महामहिम राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने अपना एक आभार पत्र सत्यप्रकाश रेशू अग्रवाल को भेजा था।