अफगानिस्तान: काबुल पर लगभग दो दशक तक लंबी जद्दोजहद के बाद काबुल पर काबिज होने वाले तालिबान ने वैश्विक समर्थन जुटाने के क्रम में दावा किया है कि बहुत जल्द तालिबानियों को दुनिया वो मान सम्मान देगा जिसके वे हक़दार हैं।अफगानिस्तान के उप सूचना और संस्कृति मंत्री और तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने दावा किया है कि दुनिया जल्द ही तालिबान को मान्यता देगी। उप मंत्री ने कहा कि कई देशों के प्रतिनिधियों ने अफगानिस्तान का दौरा किया है और तालिबान ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव को मान्यता के लिए एक पत्र भी भेजा है।
मुजाहिद ने कहा कि मान्यता उनका अधिकार है और तालिबान के नेता संयुक्त राष्ट्र के साथ बातचीत में व्यस्त हैं। मानवाधिकारों और महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करना, एक समावेशी सरकार बनाना और अफगानिस्तान को आतंकवाद और उग्रवाद के लिए सुरक्षित पनाहगाह नहीं बनने देना अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा तालिबान को मान्यता देने के लिए रखी गई शर्तें हैं। अफगानिस्तान के इस्लामिक अमीरात ने इन सभी शर्तों को लागू करने का वादा किया है, लेकिन उनमें से कोई भी अभी तक लागू नहीं हुआ है। इस बीच रूस, अमेरिका, जापान, कनाडा, फ्रांस और ब्रिटन ने कहा हे कि अफगानिस्तान में तालिबान द्वारा गठित सरकार को मान्यता देने की योजना नहीं बना रहे हैं।
बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी की लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार गिरने के बाद से देश संकट की दौर से गुजर रहा है। तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्जा का एक महीने से अधिक समय हो गया है। उसने देश से अमेरिकी और नाटो सैनिकों की वापसी के बीच देश पर कब्जा कर लिया था। गत 15 अगस्त को अभी विदेशी सेनाएं अभी वापस जा ही रही थीं कि तालिबान ने काबुल में प्रवेश किया। 31 अगस्त तक अमेरिकी सैनिकों ने लगभग 20 साल के मिशन को समाप्त करते हुए देश छोड़ दिया। इसके कुछ दिनों बाद तालिबान ने अपनी अंतरिम सरकार के गठन की घोषणा की थी।