हेमंत कुमार साहू की रिपोर्ट
जनप्रतिनिधि कर रहे इंतजार, ताकि किसी किसी को आवारा कुत्ते काटे
आवारा कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है। लेकिन न तो इन्हें पकड़ने का कोई इंतजाम है और न ही नसबंदी करने का। आवारा कुत्तों के कारण लोगो का घर से निकलना दूभर हो गया है, कई मोहल्ले तो ऐसे है जहाँ आवारा कुत्तों ने कई लोगो को काट कर घायल कर दिया था । पिछले वर्ष जुर्री पारा बालोद में एक आवारा कुत्ते ने कई लोगो को घायल कर दिया था । कई लोगो को घायल करने के बाद कुत्ते को पकड़ा गया था ।
आवारा कुत्तों के भय से इमरजेंसी सेवा में लगी ड्यूटी वालो का भी घर से बाहर निकलना मुश्किल हो गया है, अभी लॉक डाउन चल रहा है, जहां कुछ विभागों में इमरजेंसी ड्यूटी लगी है, कई कर्मचारी ड्यूटी के लिए घर से बाहर जाते है, उन्हें भी डर रहता है कि कुत्ते ना काट ले ।
महिलाओ का कहना है कि आवारा कुत्तों के कारण हर समय घर का दरवाजा बंद रखना पड़ता है, आवारा कुत्तों का झुंड कभी भी आ जाता है, कई बार तो ऐसा हुआ है कि कुत्ते घर तक घुस गए है ।
हम बात कर रहे है बालोद के वार्ड नंबर 11 के जहां के पार्षद पद्मिनी नन्नू साहू है, लगता है, जहां पार्षद पति नन्नू साहू को कई बार स्थानीय पत्रकार हेमंत कुमार साहू के द्वारा फोन करके सूचना दिया गया, मोहल्ले में आवारा कुत्ते बढ़ गए है, कृपया कुछ करे, आवारा कुत्तो के कारण मोहल्ले में दहशत का माहौल है तो उन्होंने स्पस्ट रूप से लॉक डाउन का हवाला दिया, लॉक डाउन तक कुछ नही किया जा सकता कह रहे है ।
इसी बात को नगर पालिका अध्यक्ष विकास चोपड़ा जी को भी फोन करके बताया गया था, विकास जी ने 2-3 दिनों में दिखा रहे है कहे थे, किन्तु पता नही वो 2-3 कब आएगा, आएगा या नही भी आएगा ।
जहां CMO सर रोहित साहू को फोन से सूचना देने पर CMO सर तो सूचना देने वालो को ही सवाल करने लगते है, आप ही ऐसा कुछ रास्ता बताओ कि कुत्ते को भगाया जा सके, सर जी CMO आप है, हम से नही हो पा रहा है तभी तो आपको कॉल करके बताया जा रहा है ।
लगता है, वार्ड नंबर 11 के पार्षद पदमिनी नन्नू साहू का विवादों से गहरा नाता है लगता है । इसके पहले भी जब गरीब की झोपड़ी जली थी तब भी पार्षद मोहतरमा देखने भी नही गई थी, बाद में जन आक्रोश के बाद, पार्षद महोदया के घर को रातो रात घेराव करने के बाद जनता जनार्दन ने सोचा था कि अब तब थोड़ी अक्ल आ जाएगी, लेकिन महोदया जी कभी एक बार में किसी की बात नही सुनती, अब क्या पता मोहल्ले वाले भी कब पार्षद जी को घेर ले, क्योंकि अब भी मोहल्ले वाले के आवारा कुत्ते वाले मामले को अनसुना किया जा रहा है। वोट मांगने के समय ऐसा प्रोमिस किया जाता है कि हम आपके घर मे जरा भी कुछ होने नही देंगे ,हर सुख दुख में काम आएंगे, किन्तु जीतने के बाद इन्हें कौन सा कीड़ा काटता है समझ से परे है, जिसके वोट के भरोसे जीते थे, उन्हें ही भूल जाते है ।