संगीता की रिपोर्ट
कोरो ना चपेट मे सेलकर्मी के स्वजनो के लिए एक राहत की खबर है विभिन्न संगठनों की मांग को पीएमओ और सेल मुख्यालय को प्राप्त होने के बाद इसे बोर्ड की बैठक में मुद्दे में शामिल किया जाएगा आपको बताते जाएं कि 13 मई को तेल बोर्ड की बैठक में इस प्रस्ताव पर निदेशक मंडल के सदस्य निर्णय लेंगे या नहीं करो ना संक्रमण को कंपनी जल्द ही गंभीर बीमारी की सूची में शामिल करेगी यानी तेल के किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को करोना से मौत के बाद इसके बदले उनके आश्रित वजन को कंपनी में स्थाई नियोजन दिया जा सकेगा मरीज की मौत की पुष्टि का आधार करो ना अनिवार्य होगा जिस मरीज का इलाज करने वाले संबंधित चिकित्सक व मेडिकल बोर्ड के सदस्य स्थापित करेंगे तेल में कारोंना से अब तक डेढ़ सौ से ज्यादा सहकर्मी की मौत हो गई है बोकारो इस्पात संयंत्र के उत्पादन के साथ पूरे देश में मेडिकल ऑक्सीजन की आपूर्ति कर लोगों की जीवन बचाने में लगे हैं कर्मी के इस बयान में बलिदान का हवाला देते हुए अधिकार का संगठन सेबी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर सेल ने करुणाश्री मृत्यु कर्मियों के सर्जन को अविलंब नियोजन देने की मांग की वहीं से संबंध के महामंत्री ने सेनाध्यक्ष का ध्यान इस ओर आकर्षित करते हुए मृतक के परिजन को नौकरी के साथ ₹50लाख बतौर मुआवजा देने की मांग की सेल प्रबंधन कंपनी के मेडिकल बोर्ड में कुल से गंभीर बीमारी शामिल है इसमें कैंसर किडनी लकवा ह्रदय रोग मनोरोग एवं एड्स है इस रोग से ग्रस्त संयंत्र कर्मी को कंपनी का काम नहीं कर पाने की स्थिति में उन्हें अतिरिक्त वजन को नियोजन दिए जाने का प्रावधान है बस उनकी बीमारी का सत्यापन मेडिकल बोर्ड की मंजूरी से हो करो ना बीमारी को कंपनी के विशेष स्वास्थ्य नियमों की सूची में इस शर्त के साथ लागू किया जाएगा जब इसके संक्रमण से मरीज की मौत होगी तभी उनके आश्रित को नियोजन का पेशकश कंपनी प्रबंधन करेगी क्योंकि यह एक महामारी है जो बदलते समय के साथ समाप्त भी हो