शेखर की रिपोर्ट
बन की चिड़िया कहीं तुम पिंजरे की चिड़िया रे बन में उड़े दोनों मिलकर पिंजरे की चिड़िया काहे बन की चिड़िया रे पिंजरे में रहना बहुत सुंदर बन के चिड़िया काहे ना मैं पिंजरे में कैद रहूं क्यों कर पिंजरे की चिड़िया काहे हाय नीलू में ऐसे पिंजरा तोड़ कर
जहां आज पूरा देश मातृत्व दिवस मनाते है वही आज नोबेल जीतने वाले पहले भारतीय नागरिक रविंद्र नाथ टैगोर जी का जन्मदिन भी आज ही के दिन ही मनाया जाता है।
जन गन मन अमान सोनार बांग्ला भारत और बांग्लादेश के राष्ट्रगान है वर्क 1861 में कोलकाता में जन्मे रविंद्र नाथ टैगोर ने सेंट जेवियर स्कूल में अपनी शिक्षा पूरी की थी तत्पश्चात कानून की पढ़ाई करने के लिए लंदन चले गए लेकिन उन्होंने बीच में ही विश्वविद्यालय छोड़ दिया रविंद्र नाथ टैगोर द्वारा लिखी गई रचनाओं को इन दोनों देश का राष्ट्रीय गान बनाया गया था लेकिन क्या आप जानते हैं श्रीलंका का राष्ट्रगान श्रीलंका माता भी टैगोर की ही कविता की प्रेरणा लेकर बनाया गया है दरअसल श्रीलंका माथा की रचनात्मक आनंद समरकून रविंद्र नाथ टैगोर के साथ शांतिनिकेतन में रहा करते थे 6 महीने बाद जब वह अपने देश गए जब उन्होंने श्रीलंका माता की रचना की और बाद में यह गीत वहां का राष्ट्रगान बन गया टैगोर स्कूल ऑफ पोएट्री से बेहद प्रभावित था गीतांजलि मूलत बांग्ला भाषा में लिखी गई थी लेकिन टैगोर को बेहद पसंद थी और वे दूसरे तक भी यह साहित्य पहुंचाना चाहते थे इसलिए उन्होंने इसका अंग्रेजी अनुवाद करना प्रारंभ किया 1913 में रविंद्र नाथ टैगोर को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जया यह पुरस्कार विश्व भारती विश्वविद्यालय की सुरक्षा में रखा गया था लेकिन 2004 में वहां से किसी ने चोरी कर लिया था,