शेखर की रिपोर्ट
350 करोड़ से अधिक रुपए लेकर खुद को दिवालिया बता दिया पर इनके करोड़ों रुपए डूब उनके मुंह में दही जमा हुआ है, फिर भी कोई खुलकर बोल नहीं पा रहा है क्योंकि अधिकांश राशि कच्चे की है कच्चे मतलब ब्लैक मनी जिनके रुपए डूबे हैं, उसमें 2 दर्जन से अधिक करोड़पति व्यवसाई और कुछ ब्यूरोक्रैटर्स है, जानकारी के मुताबिक रांची के सबसे बड़े फंड मैनेजर (शेयर मार्केट का कारोबार करने वाला ) नए व्यवसायियों और ब्यूरोक्रेट्स को बताया था कि उसने शेयर का कारोबार करने वाली एक नेशनल लेबल कंपनी से हाथ मिलाया है, जल्द ही एक नया काम शुरू होगा कंपनी को मुंबई स्टॉक एक्सचेंज पर रजिस्टर कराया जाएगा फंड मैनेजर ने यह भी कहा था कि अभी 1 ईयर करीब ₹28 का होगा बीएसआई सेंसर होने के बाद यह रातें कम से कम ₹70 की हो जाएगी आमतौर पर शेयर के काम से निवेश बैंक अकाउंट से होता है,तमाल भी अकाउंट में ही आती है,लेकिन फंड मैनेजर ने यह व्यवस्था दी थी कि कोई कच्चे ने भी पैसा,लगा सकता है,यही कारण जिम्मेदारी अपने सर पर ली थी कुछ ही दिनों में उस फंड मैनेजर ने रांची से करीब 250 करोड़ रूपए जुटा लिए कुछ ने तो दूसरे व कंपनी के पैसे भी लगा दिए अब कंपनी की तरफ से आफत है 250 करोड़ में से कुछ राशि एजेंट के जरिए
ब्यूरोक्रेट्स की भी है,इसके अलावा करीब 100 करोड़ रुपए कोलकाता के कारोबारियों से जुटाए गए आखिर 350 करोड़ का घोटालेबाज सबसे बड़ा नाम करण है आखिर कौन है,यह करण सूत्रों के मुताबिक जिन के करोड़ों रुपए डूब गए हैं,बिल्डर अग्रवाल जी गाड़ी बेचने वाले पोद्दार जी ब्यूरोक्रेट्स का फायरिंग करने वाले केजरीवाल जी एक प्राइवेट कंपनी के अधिकारी कुछ दिन पहले फंड मैनेजर की कंपनी में भी डायरेक्टर बन गए थे मेन रोड में कपड़ा बेचने वाली जैन जी बिल्डर सराओगी भी शामिल है,इसके अलावा कुछ भी पैसे डूबे हैं,एजेंट में सबसे बड़ा नाम करण है जो कोरोना के आने से पहले से ही माफ लगाकर घूमते थे इसमें से सभी ने फंड मैनेजर पर विश्वास कर 10 से ₹50करोड़ तक दिए लेकिन अब यह डूब गया है शायद ही कुछ रुपए निकल पाए फंड मैनेजर भी अब झारखंड से ज्यादा कोलकाता में धरना प्रदर्शन कर रहा हैl