राधेश्याम साहू की रिपोर्ट
राजनांदगाँव/खैरागढ़ -बाजार अतरिया में प्रदेश सरकार के द्वारा शराबप्रेमियों को होम डिलीवरी के माध्यम से शराब उपलब्ध कराने की सुविधा प्रारंभ की गई है लेकिन सरकारी शराब दुकान के कर्मचारी अपने कार्य में कोताही बरतते हुये ग्राहकों को शराब दुकान में बुलाकर शराब दे रहे हैं जिसके कारण लॉकडाउन सहित कोरोना नियमों की धज्जियाँ उड़ रही है. ज्ञात हो कि प्रदेश में कई लोग शराब नहीं मिलने की वजह से सेनेटाइजर सहित अन्य जहरीले पदार्थों का सेवन कर अपनी जान दे रहे थे जिसे रोकने के लिये प्रदेश सरकार द्वारा लोगों को शराब उपलब्ध कराने होम डिलीवरी की सुविधा प्रदान की गई है लेकिन शराब दुकान के शराब डिलीवर करने वाले कर्मचारियों की कोताही के कारण लोगों को मजबूरन शराब दुकान तक पहुंचकर शराब लेना पड़ रहा है जिसके कारण कोरोना नियमों की धज्जियाँ उड़ रही है. लोग ऑनलाईन माध्यम से शराब की बुकिंग कर रहे हैं लेकिन शराब बुक होने के बाद डिलीवरी ब्वॉय द्वारा घर पहुंच सेवा देने के बजाय लोगों को शराब दुकान बुलाया जा रहा है. बता दे कि होम डिलीवरी के नाम पर पहले से ही ग्राहकों से 118 रुपए का शुल्क ले लिया जाता है लेकिन जब शराब घर तक पहुंचाने की बात आती है तब डिलीवरी बॉय के द्वारा लोगों को शराब के दुकान में बुलाया जाता है. जिले के खैरागढ़, धमधा एवं छुईखदान स्थित शराब दुकान से लोगों को शराब पहुंचाने कोई भी डिलीवरी बॉय नहीं पहुंच रहा है बल्कि बकायदा ओटीपी जनरेट कर फोन कॉल करके लोगों को शराब दुकान बुलाया जा रहा है और कैमरे के पीछे से लोगों को शराब पकड़ाई जा रही है जिससे शराब दुकान में लोगों की जमकर भीड़ देखी जा रही है. मामले की लगातार शिकायत मिलने के बाद हमारे प्रतिनिधि ने शराब दुकानों तक पहुंचकर जांच-पड़ताल की तो पता चला कि जिनको शराब पीना है वह स्वयं शराब दुकान के पास आकर ले सकते हैं शराब दुकान के कर्मचारी होम डिलीवरी नहीं कर सकते. ज्ञात हो कि शासन के द्वारा 15 से 12 किलोमीटर की दूरी में लोगों को उनके पास पहुंचा कर शराब देने की बात कही गई है लेकिन डिलीवरी बॉय 1 किलोमीटर भी लोगों को शराब देने नहीं जा रहे हैं. शराब की होम डिलीवरी करने वाले डिलीवरी बॉय के इस हरकत से शराब लेने वालों में जमकर नाराजगी बनी हुई है और वे अपनी भड़ास निकालते हुये इन पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने की बात भी कही जा रही है. हैरान करने वाली बात यह है कि शराब दुकान में इस तरह का खेल चल रहा है लेकिन आबकारी विभाग के द्वारा इस ओर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है और न ही पुलिस विभाग को कोई मतलब है. शराब दुकानों के सामने रोजाना भीड़ लगने के बाद भी संबंधित अधिकारियों द्वारा इस ओर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है जो परेशानी वाली बात है ।