शेखर की रिपोर्ट
क्रांतिकारी इस्पात मजदूर संघ के महामंत्री संग्राम सिंह ने सेल निदेशक प्रभारी बोकारो स्टील प्लांट को पत्र लिख कर कोविड-19 संक्रमण से मृतक कर्मचारी के आश्रित को नियोजन एवं मुआवजा तथा कर्मचारी की सुरक्षा को लेकर एक पत्र सौंप क्रांतिकारी इस्पात मजदूर संघ के महामंत्री संग्राम सिंह ने कहा कि बोकारो स्टील प्लांट में 26 से ज्यादा कर्मचारी की मृत्यु हो चुकी है और अभी प्रतिदिन मिलती हो रही है परंतु बोकारो स्टील प्लांट के कर्मचारी अपनी जान जोखिम में डालकर इस महामारी के दौरान भी रात के लिए अपना कर्तव्य निभा रहे हैं जिस कारण कंपनी एक और पूरे देश में ऑक्सीजन की आपूर्ति कर सुर्खियों में है तो वहीं दूसरी ओर नित नए उत्पादन एवं लाभ का रिकॉर्ड भी कायम कर रही है परंतु इस आपदा की घड़ी में भी कर्मचारी की कितनी अभी तक ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है सिंह ने कहा कि उनके परिवार के सदस्य कांड अपने आप को सुरक्षित महसूस कर रहे हैं और दिन-रात इसी चिंता में डूबे रहते हैं कि उनके नहीं रहने पर परिवार का क्या होगा शायद ही परिस्थिति के लिए कहावत है दीपक तले अंधेरा।
संग्राम सिंह ने कहा कि कंपनी के कर्मचारी के प्रति उदासीन भावनाओं के परिणाम स्वरुप कर्मचारी का जहां एक और मनोबल गिर रहा है वहीं दूसरी और रोस भी उत्पन्न हो रहा है
8 सूत्री मांग को लेकर कल संघ के महासचिव संग्राम सिंह ने एडीएम बिल्डिंग के अंदर अधिशासी निदेशक को पत्र सौंपा कहां ।
की कोविड-19 संक्रमित में मृत कर्मचारी को कोरोना वारियर घोषित कराया जाए।
आश्रित को नियोजन एवं ₹50लाख का मुआवजा दिया जाए।
सभी कोविड19 संक्रमण के ग्रस्त कर्मचारी का बीजेपी में सही समय पर उचित चिकित्सा व्यवस्था किया जाए।
कर्मचारियों एवं उनके आश्रितों को हर हाल में बीजेपी में आवश्यकता बेड उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए।
सभी कर्मचारी को ₹50 लाख का इंश्योरेंस करवा दिया जाए।
बोकारो जनरल अस्पताल में कर्मचारी एवं उनके आश्रितों के लिए अलग कैजुअल्टी की व्यवस्था की जाए।
ड्यूटी पर आ रहे सभी कर्मचारी एवम उनके आश्रित के लिए अलग 1 घंटे की व्यवस्था की जाए।
सभी ड्यूटी पोस्ट को सभी पालियो में सैनिटाइज कराया जाए ।
संक्रमित की गंभीरता को देखते हुए फ्लैक्सिबल ड्यूटी की व्यवस्था की जाए। कर्मचारी एवं उनके आश्रित हेतु अलग से व्यक्ति नेशन की व्यवस्था की जाए।
यदि यह समय रहते उपायुक्त बिंदु पर उचित निर्णय नहीं लिया जाता है तो संघ विवश होकर कर्मचारी के साथ कंपनी के चिपके की भी रक्षा के लिए लड़ाई करने पर मजबूर होगी जिसकी सारी जिम्मेदारी प्रबंधक की होगी