संगीता की रिपोर्ट
कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच भी देश में CBSE बोर्ड परीक्षा चर्चा का विषय बन चुकी है। लंबे समय से इन परीक्षाओं को रद्द कराने की मांग हो रही थी। छात्रों से लेकर शिक्षक और कई एक्सपर्ट का मानना है कि मौजूदा हालातों में CBSE की बोर्ड परीक्षाएं नहीं आयोजित की जा सकती है और इससे ज्यादा देरी करने पर छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए कॉलेज और यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने में समस्या आएगी।वहीं कई छात्रों और शिक्षकों का कहना है कि बिना बोर्ड एग्जाम के छात्रों का रिजल्ट नहीं बनाया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप की मांग : CBSE की परिक्षाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कई याचिका दायर हो चुकी है। पहले परीक्षाओं को कैंसिल कराने के लिए याचिका दायर की गई थी। इसके बाद परीक्षाएं को लेकर भी मांग तेज पकड़ रही है। अब एक शिक्षक ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाकर कहा है कि CBSE की परीक्षाएं कराना बहुत जरूरी है और सुप्रीम कोर्ट को इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए। सीबीएसई स्कूलों की राष्ट्रीय परिषद NCCS ने देश के शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल को पत्र लिखकर बोर्ड परीक्षाएं कराने की मांग की है। जून के पहले हफ्ते में आएगा फैसला : NCCS की सेक्रेटरी इंद्रा राजन ने बताया कि जून के पहले हफ्ते में CBSE की परीक्षाओं को लेकर फैसला लिया जा सकता है। उन्होंने ने देश के शिक्षा मंत्री और अन्य अधिकारियों के साथ चर्चा की थी। इसमें भी यही कहा गया कि बोर्ड परीक्षाओं पर फैसला जून के पहले हफ्ते में होगा। उन्होंने बताया कि NCCS ने पत्र लिखकर शिक्षा मंत्री को बोर्ड परीक्षाओं की अहमियत के बारे में बताया है