शिमला जिले के जुब्बल-कोटखाई के विधायक एवं पूर्व मंत्री नरेंद्र बरागटा का निधन हो गया है। नरेंद्र बरागटा के बेटे चेतन ने ट्वीट कर ये जानकारी दी है। बरागटा दो बार मंत्री रह चुके थे। बरागटा पीजीआई चंडीगढ़ में भर्ती थे और कल ही हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर उनका कुशलक्षेम पूछने पीजीआई गए थे। बरागटा ठाकुर सरकार में मुख्य सचेतक भी थे।
मेरे पिता व हम सभी के प्रिय भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता, पूर्व मंत्री, हिमाचल प्रदेश सरकार में मुख्य सचेतक श्री नरेन्द्र बरागटा जी स्वास्थ्य से सम्बंधित लम्बे संघर्ष के बाद अपने जीवन की अंतिम लड़ाई हार गए।
मालूम हो कि बरागटा कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद पोस्ट कोविड अफेक्ट से जूझ रहे थे। वो 20-25 दिनों से पीजीआई में भर्ती थे। उनकी दूसरी बीमारी डायग्नोज नहीं हो पा रही थी और उन्हें सांस लेने में तकलीफ हो रही थी। निधन के बाद उनका शव चंडीगढ़ स्थित हिमाचल भवन लाया गया। इस दौरान सीएम जयराम ठाकुर व प्रदेश भाजपा पार्टी अध्यक्ष सुरेश कश्यप भी मौजूद रहे। उनका अंतिम संस्कार रविवार को पैतृक गांव तहटोली में होगा। आज उनकी पार्थिव देह कोटखाई में अंतिम दर्शन के लिए रखी जाएगी।
बरागटा के निधन की खबर सुनते ही विधानसभा क्षेत्र के सैकड़ों भाजपा कार्यकर्ता कोटखाई पहुंचे हैं। नरेंद्र बरागटा का जन्म 15 सितंबर 1952 को घर गांव टहटोली तहसील कोटखाई जिला शिमला में हुआ था। उनके दो पुत्र चेतन बरागटा व ध्रुव बरागटा हैं। बरागटा 1969 में डीएवी स्कूल शिमला में छात्र संसद के महासचिव बने तथा 1971 में एसडीबी कॉलेज शिमला के केंद्रीय छात्र संघ के उपाध्यक्ष चुने गए।
संगठन की दृष्टि से 1978 से लेकर 1982 तक वह भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष रहे तो 1983 से लेकर 1988 तक जिला शिमला भारतीय जनता पार्टी के महामंत्री बने। 1993 से लेकर 1998 तक भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे। इसके अतिरिक्त वह राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर भी कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे । 1998 में वह शिमला विधानसभा चुनाव क्षेत्र से विधायक बने तथा तत्कालीन धूमल सरकार में उन्हें बागवानी मंत्री बनाया गया।
उसके बाद जुब्बल-कोटखाई चुनाव क्षेत्र से 2007 से लेकर 2012 तक विधायक बने व तत्कालीन धूमल सरकार में बागवानी एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री रहे । वर्तमान में वह जुब्बल-कोटखाईचुनाव क्षेत्र से विधायक व सरकार में मुख्य सचेतक के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे थे । हालांकि इस बार चुनाव जीतने के बाद बरागटा कैबिनेट मंत्री नहीं बन पाए थे, क्योंकि शिमला से सुरेश भारद्वाज को कैबिनेट में एंट्री मिल गई थी। लेकिन इसके बाद पार्टी ने उन्हें मुख्य सचेतक बनाकर सचिवालय में मंत्री के जैसा ही दफ्तर और स्टाफ दिया था।
बरागटा मेहनती व हिमाचल के प्रति समर्पित नेता थे
राज्यपाल हिमाचल के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने प्रदेश सरकार में मुख्य सचेतक नरेंद्र बरागटा के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। अपने शोक संदेश में राज्यपाल ने कहा कि बरागटा एक स्वच्छ छवि के मेहनती व हिमाचल के प्रति समर्पित नेता थे। उन्होंने राज्य में बागवानी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। प्रदेश को विशेषकर जुब्बल-कोटखाई विधानसभा क्षेत्र में उनकी ओर से किए गए कार्यों को हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने परमपिता परमेश्वर से दिवंगत आत्मा और शोक संतप्त परिजनों को इस असहनीय दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है।
सरकार और पार्टी दोनों जगह हमने साथ काम किया: नड्डा
वहीं भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ट्वीट कर नरेंद्र बरागटा के निधन पर शोक जताया। उन्होंने कहा- जन-कल्याण के कार्यों व संगठन निर्माण में उनका योगदान विश्वसनीय है। उनका जाना हिमाचल व भाजपा के लिए अपूरणीय क्षति है। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें। दुख की इस घड़ी में शोक संतप्त परिजनों, शुभचिंतकों एवं समर्थकों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। सरकार और पार्टी दोनों जगह हमने साथ काम किया। बरागटा जी का पूरा समय प्रदेश के विकास और संगठन को मज़बूती देने के लिए समर्पित था।
हिमाचल प्रदेश में जुब्बल कोटखाई से विधायक, पूर्व मंत्री, पार्टी के मुख्य सचेतक एवं मेरे साथी नरेंद्र बरागटा जी के निधन का समाचार सुन अत्यंत आहत हूँ। सरकार और पार्टी दोनों जगह हमने साथ काम किया। बरागटा जी का पूरा समय प्रदेश के विकास और संगठन को मज़बूती देने के लिए समर्पित था।
वहीं, मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने नरेंद्र बरागटा के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ट्वीट किया कि भारतीय जनता पार्टी हिमाचल के वरिष्ठ नेता, पूर्व मंत्री व प्रदेश सरकार में मुख्य सचेतक नरेंद्र बरागटा के निधन का समाचार सुन कर स्तब्ध हूं। आज हमने एक ईमानदार एवं कर्मठ नेता को खोया है। जुब्बल-कोटखाई व भाजपा सहित यह पूरे हिमाचल के लिए अपूरणीय क्षति है।