टोक्यो पैरालंपिक में भारत को बड़ा झटका लगा है. पिछले दिन डिस्कस थ्रो में विनोद कुमार ने कांस्य पदक जीता था, जिसे टोक्यो पैरालंपिक टेक्निकल डेलिगेट ने निरस्त कर दिया है. पैरालंपिक में रविवार को हुए पुरुष डिस्कस थ्रो एफ 52 इवेंट के नतीजों की समीक्षा के बाद यह फैसला लिया गया. इस इवेंट में भारत के विनोद कुमार ने कांस्य पदक अपने नाम किया था. अपील पर अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक समिति (आईपीसी) ने नतीजों की समीक्षा करने का फैसला किया था.
एफ52 स्पर्धा में वो एथलीट हिस्सा लेते हैं, जिनकी मांसपेशियों की क्षमता कमजोर होती है और उनके मूवमेंट सीमित होते हैं. इसके अलावा उनके हाथों में विकार होता है या पैर की लंबाई में अंतर होता है. इसमें खिलाड़ी बैठकर प्रतिस्पर्धा में हिस्सा लेते हैं. पैरा एथलीट्स को उनके विकार के आधार पर वर्गों में रखा जाता है. क्लासिफिकेशन प्रणाली में उन खिलाड़ियों को प्रतिस्पर्धा करने की अनुमति मिलती है जिनका विकार एक जैसा होता है. आयोजकों ने 22 अगस्त को विनोद का क्लासिफिकेशन किया था.
विनोद कुमार के पिता 1971 भारत-पाक युद्ध में लड़े थे. सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) में जुड़ने के बाद ट्रेनिंग करते हुए वह लेह में एक चोटी से गिर गए थे जिससे उनके पैर में चोट लगी थी. इसके कारण वह करीब एक दशक तक बिस्तर पर रहे थे और इसी दौरान उनके माता-पिता दोनों का देहांत हो गया था.