शेखर की रिपोर्ट
एक तरफ कोरोना महामारी के चलते झारखंड में लॉकडाउन चल रहा है, तो वहीं झारखंड में लॉकडाउन प्रभावित है,अंतिम संस्कार के अलावा किसी भी तरह के आयोजन पर पाबंदी है ,सारे पार्क और बैंकट हॉल
पर पाबंदी है कोरोना के मद्देनजर देख आदेश सरकार की तरफ से निकाला गया है
और सभी जिलों में निवेश का पालन भी हो रहा है लेकर पाबंदी की वजह से देश भर में निशिकांत दुबे बनाम जिला प्रशासन जुड़ा हुआ है कांग्रेस पार्टी अपने बैठक के लिए कोरोना संबंधी सारे नियम को ताक पर रख देते हैं ऐसा काम कांग्रेस के छोटे कार्यकर्ता नहीं बल्कि सरकार में कांग्रेस के मंत्री और प्रदेश अध्यक्ष स्तर के पदाधिकारी करते हैं, कांग्रेस के लिए यह
लॉक डान कुछ नहीं है,पूरी मामला यह है,कि गुरुवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक कांके डैम स्थित रॉक गार्डन परिषद में आयोजित हुआथा बैठक में पार्टी के सभी विधायक उपस्थित थे
बैठक के बाद खाना पान की भी व्यवस्था थी कोरोना के मद्देनजर राज्य सरकार का यह भी निर्देश है कि किसी भी जगह 5 से अधिक व्यक्ति जमा नहीं हो सकते हैं लेकिन कांग्रेस के पूर्व पर आयोजित बैठक में 100 से अधिक लोग उपस्थित थे
ऐसा नहीं है,कि कोरोना गाइडलाइन को कांग्रेस सरकार को तोड़ने का काम कांग्रेस नेता ने पहली बार किया है,आपको बताते जाएगी 31 मार्च को संसदीय कार्य मंत्री सा कांग्रेस नेता आलमगीर आलम के आदेश का लॉकडाउन
तोड़ कर सैकड़ों कामगारों को बसों में ठूंस ठूंस कर पाकुड़ पहुंचाया गया था, इसको लेकर रांची से लेकर दिल्ली तक हंगामा मचा था,इसमें रांची के तत्कालीन डीएसपी के खिलाफ भी कार्रवाई होने की बात सामने आई थी, लेकिन सत्ताधारी पार्टी होने के नाते मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था,
लॉकडाउन के नियमों को तोड़ने के कारण बीजेपी नेता पर हुई थी प्राथमिकता बीते दिनों जब बीजेपी नेता ने किसान के मुद्दे पर खेती में खड़ा होकर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए थे, तो उसे लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन माना गया था, लेकिन सत्ता में बैठे कांग्रेस नेता ने और लगभग नियमों को तोड़ा है,तो प्रशासन पूरी तरह से खामोश है, बता दें कि प्रदेश बीजेपी नेता कांग्रेस द्वारा लाभ गांवों के नियमों को तोड़ने का आरोप लगाते हुए पहले से हेमंत सरकार पर हमलावर हैl