शेखर की रिपोर्ट
जहां एक तरफ कोरोना का लहर पूरे देश में है तो वहीं स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह भी चालू है कल जगत छूट मिलने के बावजूद भी मंदिर तो खोल दिया गया है मगर श्रद्धालु का वहां जाने पर रोक लगाया गया है ऐसे में 25 जुलाई से शुरू होने वाली भगवान शिव का सावन मेले शुरू होने वाला है जहां एक तरफ सरकार की यह गाइडलाइन है कि मंदिर तो खुलेगा मगर श्रद्धालु को आना मना है इसे देखकर श्रद्धालुओं में मायूसी का लहर है सावन का महीना आते ही लोगों में एक खुशियों का लहर उठता है 15 दिनों का यह पर्व 26 को पहला सोमवारी व्रत है श्रद्धालुओं के मंदिर में प्रवेश की अनुमति को लेकर मंदिर प्रबंधन समिति सरकार के निर्णय का इंतजार कर रही है इस बार सावन माह में चार संभाली पड़ेगी दूसरी सोमवारी दो तीसरी सोमवारी ना और चौकी सोमवारी व अंतिम सोमवारी 16 अगस्त को है 28 जुलाई से मधुश्रावणी है वक्त शुरू हो रहा है 4 अगस्त यानि बुधवार को कामदा एकादशी व्रत है 8 अगस्त को स्नान दान व श्राद्ध की अमावस्या है 9 अगस्त को प्रतिबद्ध है आपको बताते जाएगी झारखंड और बिहार के बॉर्डर पर बसे देवघर में स्थित बाबा नगरी का विशाल पर्व लगता है जहां दूरदराज से लोग सुल्तानगंज से जल भर के 108 किलोमीटर पैदल चल के बाबा की नगरी देवघर पहुंचते हैं और जल चढ़ाते हैं इस बीच में जो बात बाधा पहुंचती है उसे लोग भूल जाते है फिर देवघर से जल चढ़ा के करीब 50 से 60 किलोमीटर दूर आगे चलने पर बासुकीनाथ मंदिर है वहां भी श्रद्धालु जल चढ़ाते हैं महीना भर का पर्व श्रद्धालुओं के लिए एक अनोखी परीक्षा होता है वही मंदिर प्रबंधन समिति सरकार के निर्णय का इंतजार कर रही है यदि सरकार मंदिर में पूजा करने की अनुमति प्रदान करती है तो मंदिर को आम भक्तों के लिए खोला जाएगा तथा पूजा पाठ करने के बाद मंदिर को बंद कर दिया जाएगा भक्तों को पिछली बार की तरह घर में ही रह कर पूजा करनी होगी कहीं भी समारोह का आयोजन नहीं होगा