संगीता की रिपोर्ट
देश भर में छाई इस आर्थिक संकट का असर निजी शिक्षण संस्थाओं कोचिंग संस्थाओं और इससे जुड़े लोग पर भी पड़ रहा है पूरे देश में कोरोना की दूसरी लहर करीब-करीब नियंत्रित हो चुकी है इसे देखते हुए कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए कुछ चीजों में छूटे भी मिली है ( मॉल, मार्केट,जिम ), वही कोचिंग संस्था को अभी तक बंद रखा गया है कोचिंग संचालकों ने कहा कि
कल कांग्रेस के द्वारा चास ने धरना प्रदर्शन किया गया इस धरने प्रदर्शन में ना तो कोई सोशल डिस्टेंस का पालन किया गया और ना ही मास का कोचिंग संस्थान ने कहा कि ऐसे धरना प्रदर्शन में क्या कोरोना नहीं फैलता है क्या कोचिन खोल देने से क्या कोरोना फैल जाएगा
कोचिंग संस्थानों के संचालक और उनके जरिए रोजगार पर लोग भी इस समय बेकारी का दस झेल रहे हैं । वही कोचिंग संस्था के डायरेक्टर मुकेस कुमार ने कहा कि कोचिंग संस्था की वजह से यहां बड़ी संख्या में स्थानीय छात्रों के अलावा आसपास के छात्र आते हैं और इस वजह से इन शहरों की अर्थव्यवस्था में भी खासा योगदान देते हैं यह कोचिंग संस्थान सिविल सेवाओं के अलावा बैंकिंग एसएससी, इंजीनियरिंग मेडिकल, जैसी प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कराते हैं वही मुकेश कुमार ने कहा कि शाम को जहां छात्रों की भीड़ लगी रहती थी वह सड़कें वीरान हो गई है छात्रों की बड़ी संख्या की वजह से इन शहरों में कई मकान है जहां लॉर्ड या पीजी बनाकर छात्रों को किराए पर दिया जाता है लेकिन यह मकान अब खाली हो गई है और इसके मालिक के सामने भी रोजी रोटी का संकट आ पड़ा है हालांकि इस बारे में कोई अधिकारी आंकड़ा तो नहीं है लेकिन जानकारी के मुताबिक देशभर में कोचिंग संस्थाओं का हजारों करोड़ों रुपए का व्यवसाय है इस संस्था की आय के मुख्य स्रोत छात्र होते हैं और छात्र लॉकडाउन के चलते आ नहीं रहे हैं कोचिंग संस्थानों ने सरकार की मांग की है कि उन्हें कुछ सहूलियत दी जाए ताकि इस उद्योग में जुड़े लोगों के सामने आए आर्थिक संकट से बचा जा सके।