संगीता की रिपोर्ट
– जैसा कि ये बताने की जरूरत नहीं है जब भी हिंदू धर्म की भावनाओं का मामला होता है तो सुप्रीम कोर्ट स्वत: संज्ञान लेने से कभी पीछे नहीं हटता है और वो कानून के कोड़े बरसाने की पूरी बहादुरी अवश्य दिखाता है
– कुछ ऐसा ही टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट ने यूपी में कांवड़ यात्रा के संदर्भ में की है… सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अखबारों में ये छपा है कि योगी सरकार कांवड़ यात्रा को मंजूरी दे चुकी है अब सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और योगी सरकार को नोटिस जारी करके ये सवाल पूछा है कि आखिर कोरोना की थर्ड वेव को देखते हुए भी कैसे कांवड़ यात्रा को मंजूरी दी गई है
– जज साहब… इतने भोले भाले हैं… कितने सोंढ़े और कितने प्यारे हैं यहीं दिल्ली में बॉर्डर्स पर किसानों का धरना चल रहा है । अखबारों में रिपोर्ट पर रिपोर्ट छप चुकी है कि किसान आंदोलन की वजह से हरियाणा और पंजाब में कोरोना फैलता रहा लेकिन इसके बाद भी जज साहब ने कोई स्वत: संज्ञान नहीं लिया
– लेकिन हिंदुओं की आस्था पर अपने कानून की तलवार भांजने से आखिर जज साहब को कौन रोक सकता है क्योंकि हिंदू कभी प्रतिक्रिया तो करता नही है.. कभी विरोध भी नहीं करता है इसलिए हिंदुओं के खिलाफ फैसले सुनाकर अटेंशन बटोरना… सुर्खियां बटोरना हमेशा काफी आसान होता है
– अच्छा होता अगर इसी के साथ साथ जज साहब ने ये भी कहा होता कि किसानों का धरना भी खत्म कर दिया जाए क्योंकि कोरोना की थर्ड वेव आने वाली है लेकिन हमें पता है कि जज साहब संज्ञान नहीं लेंगे
– ये कितने दुख की बात है कि मई के महीने में जब पश्चिम बंगाल में चुनाव का रिजल्ट आया और वहां टीएमसी के गुंडों ने और एक विशेष समुदाय के लोगों ने हिंदुओं पर भीषण अत्याचार किए.. खास तौर पर दलित और अनुसूचित जाति के लोगों पर जुल्म किए गए तब भी जज साहब का दिल नहीं पसीजा और उन्होंने संज्ञान नहीं लिया
मई के महीने में ही बंगाल की हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगी हुई थी लेकिन जज साहब के कान पर जूं तक नहीं रेंगी… याचिकाकर्ता याचना करता रहा जज साहब सुनवाई कर लीजिए वहां बंगाल में हालत बहुत खराब हो रही है लोकतंत्र की हत्या हो रही है लेकिन जज साहब तो ग्रीष्मावकाश पर चले गए
हिंदुओं की लाश की कोई कीमत नहीं है… हिंदुओं की आस्था की भी कोई कीमत नहीं है… बिलकुल सही बात है… जज साहब काश आपने निकिता तोमर की लाश पर संज्ञान लिया होता जो वल्लभगढ़ में सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई थी… लेकिन दुख की बात है कि आपका कानूनी हंटर सिर्फ और सिर्फ निरीह और मूक हिंदुओं केलिए ही है!