शेखर की रिपोर्ट
भारत में जहां एक तरफ जेनेटिक मेडिसिन को लेकर लोगो में जागरूक किया जा रहा है तो वही आज झारखंड के बोकारो जिले मैं भी जेनेटिक मेडिसिन को लेकर अब धीरे-धीरे जागरूक होने लगे हैं आपको बताते जाएगी बोकारो में कई जगह जेनेटिक स्टोर खुल चुके हैं तो ऐसे मे बोकारो सिटी सेंटर सेक्टर 4 में भी जेनेटिक मेडिसिन का शॉप खोला गया। इस महंगाई के दौर में जहां लोग सस्ते दवा खा कर ठीक होना चाहते हैं तो वहीं महंगी दवा सस्ती दवा पर भारी पड़ जाती है। आज मजबूरन इंसान को ब्रांडेड दवा खाना पड़ता है।
बताते जाए कि शहरों में ब्रांडेड जेनेरिक मेडिसिन अपनी पांव फैला चुकी है तो वही धीरे-धीरे जेनेरिक मेडिसिन भी अपने पांव पसारने लगी है। दोनों के बीच अंतर सिर्फ नाम का है एक को किसी ब्रांड के नाम के साथ बेचा जाता है और दूसरा एक समान नाम के साथ दिखता है लेकिन असलियत यह है कि यह दोनों ही जेनेरिक दवाएं हैं जो पेटेंट्स समाप्त होने के बाद बनाई जा रही है जेनेरिक दवाएं किसी ब्रांड नाम के बजाय बिना किसी ट्रेड मार्ग का सामान्य नाम से बेचा जाता है इंटरनेशनल नॉनप्रॉपराइटरी नेम फार्मास्यूटिकल पदार्थ एवं एक्टिव फार्मास्यूटिकल सामग्री की पहचान के लिए दिया गया एक यूनिक नाम होता है ब्रांडेड जेनेरिक मेडिसिन मांगी होती है जबकि सामान्य जेनेरिक दवाएं सस्ती होती है आपको बताते जाएं कि प्रधानमंत्री ने आज भी जेनेटिक मेडिसिन दवाओं पर प्रचार प्रसारण किए जा रहे हैं और लोगों से आग्रह कर रहे हैं कि जेनेरिक मेडिसिन की ज्यादातर यूज करें। मगर डॉक्टर लोग इन्हें लिखने से डरते हैं।
का कहना है कि डॉक्टर आखिरकार क्यों नहीं जेनेटिक मेडिसिन दवा लिखते हैं यह बात सही है कि जेनेटिक मेडिसिन दवा बहुत सस्ती मिलती है और ब्रांडेड मीटिंग मेडिसिन दवा महंगी होती है जिसके चलते डॉक्टर की गहरी कमाई होती है जहां डॉक्टर ब्रांडेड मेडिसिन दवा लिखते हैं तो वहां डॉक्टर को काफी फायदा होता है ब्रांडेड कंपनी डॉक्टर को गिफ्ट देकर उन्हें जबरन ब्रांडेड कंपनी का दवा लिखने को मजबूर किया जाता है जब हमने डॉक्टर से पूछा कि डॉक्टर साहब आप लोग प्रिस्क्रिप्शन में जेनेटिक मेडिसिन क्यों नहीं लिखते तो डॉक्टर साहब कुछ नहीं बोले इसका मतलब साफ साफ यह होता है कि ब्रांडेड मेडिसिन में कहीं ना कहीं मोटी कमाई डॉक्टर के भी हिस्से में आते हैं और जेनेटिक मेडिसिन में कमाई नहीं होती है जिसके चलते डॉक्टर जेनेटिक मेडिसिन की दवाइयां अपने स्कैप्शन पेन नहीं लिखते हैं जेनेरिक मेडिसिन कहीं ना कहीं आज डॉक्टर लिखने से परहेज करते हैं।