मोहन प्रसाद यादव की रिपोर्ट
अनूपपुरजिले में सहकारिता विभाग के आदिम जाति सेवा सहकारी समिति लैंपसो अंतर्गत समिति द्वारा मनमाने तरीके से बिना मेरिट सूची बिना विज्ञापन प्रकाशन के अवैध तरीके से कुछ वर्ष पूर्व सेल्समैन एवं कंप्यूटर ऑपरेटर, भृत्य,चौकीदार अन्य पदों पर चोरी छुपे भर्ती कर ली जाती थी और समिति के अध्यक्ष प्रबंधक मिलकर सहकारिता विभाग से लेन-देन की जुगत भिड़ा कर अनुमोदन करा लेते थे। वर्तमान स्थिति में भर्ती प्रक्रिया राज्य सरकार सहकारिता विभाग के माध्यम से स्वयं ऑनलाइन वैकेंसी निकालकर भर्ती कर रही है।
ऐसा ही मामला दुलहरा लैंपस का
जिला मुख्यालय से लगा हुआ आदिम जाति सेवा सहकारी समिति लैंपस दुलहरा का एक मामला जहां पर कुछ वर्षों पूर्व सेल्समैन दुलहरा निवासी रवि पटेल सहित अन्य की भी भर्ती इसी प्रक्रिया के तहत अवैध तरीके से कर ली गई थी जिनका पारिश्रमिक मानदेय भर्ती के समय से आज तक में लगभग 1000 से 3000 रु तक होगा परंतु इनका रुतबा और रौब देख कर तो ऐसा लगता है कि जैसे महाशय पुश्तैनी करोड़पति है पर सच्चाई तो यह है की गरीबों के हक पर डाका मारके और खाद्यान्न घोटाला करके इनकी हवेली चमकाई हुई है।
रवि पटेल जैसे सेल्समैन ऐसे करते हैं खाद्यान्न घोटाला
रवि पटेल सहित अन्य सेल्समैन शासकीय उचित मूल्य की दुकान में प्रारंभिक दौर के समय जब ऑनलाइन एवं पात्रता पर्ची की प्रक्रिया नहीं थी तब इन महाशय के द्वारा केरोसिन के कई टैंकर,चावल शक्कर कई क्विंटल ऊपर ही ऊपर उड़ा देते थे और जब से पात्रता पर्ची लागू हुई तब माननीय सेल्समैन के द्वारा हितग्राहियों को मिले हुए पात्रता पर्ची में सदस्य संख्या बढ़ने पर पंचायत द्वारा जोड़ तो दिया जाता है परंतु राशन कार्ड में पुराना पात्रता पर्ची ही चश्पा रहता है और बड़े हुए सदस्य संख्या की चावल गेहूं शक्कर नमक मिट्टी तेल आवंटन होने के बावजूद भी हितग्राहियों को ना प्रदाय करते हुए इनके द्वारा बचा हुआ पूरा खाद्यान्न अन्य को विक्रय कर राशि हड़प ली जाती है और ऐसा एक पात्रता पर्ची नहीं होता ना जाने कितने पात्रता पर्ची में सदस्य संख्या बढ़े रहते हैं जो इनके द्वारा कई क्विंटल चावल,गेहूं,शक्कर की राशि हजम कर दिया जाता है, फिर कैसे ना हवेली तन जाती है।
अवैध कमाई के दम पर भूल गए बात करने की तमीज
रवि पटेल जैसे सेल्समैन दिखावे के लिए तो क्षेत्र में बड़े ही सज्जन प्रतीत होते हैं परंतु इनसे किसी जानकारी व अन्य संबंध में बात करना चाहे तो यह महाशय अवैध कमाई के घमंड में चूर होकर तू-ते, बे-रे जैसे शब्दों का इस्तेमाल करने से भी नहीं चूकते किस से कैसे बात करना है यह तमीज भी यह भूल जाते हैं अवैध कमाई का घमंड इनके सर पर चढ़कर बोलने लगता है !
ऐसे भ्रष्टाचारियों की जांच आवश्यक
गरीबों के हक पर डाका मारने वाले खाद्यान्न घोटाला को अंजाम देने वाले रवि पटेल जैसे सेल्समैन का सहकारिता विभाग को सूक्ष्म जांच करने की आवश्यकता है, और तो और आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ई ओ डब्लू) एवं लोकायुक्त में भी इनकी शिकायत करने की आवश्यकता है। क्योंकि आखिर अदना सा कर्मचारी सेल्समैन थोड़ा सा मानदेय पाने वाला और लघु मध्यम कृषक परिवार के पास अकूत धन आया कहां से क्या कुबेर का खजाना हाथ लग गया? फिर किसके बूते चमकाई हवेली और भूले बात करने का तरीका।
इनका कहना है
इन सेल्समैन की भर्ती वर्ष 2011 में हुई थी जिन्हें समिति द्वारा भर्ती कर लिया गया था। अन्य बातें मुझे पता नहीं।रमेश कुमार नामदेव प्रबंधक आदिम जाति सेवा सहकारी समिति लैंपस दुलहरा