शेखर की रिपोर्ट
मियावाकी पद्धति एक नई पहल है जिसे ईएसएल ने संयंत्र परिसर में सौंदर्य की दृष्टि से मनभावन हरियाली सुनिश्चित करने के लिए ग्रीन बेल्ट विकास की अंब्रेला परियोजना के तहत शुरू किया है। यह दृष्टिकोण वृक्षारोपण के मानक मोड की तुलना में विकास दर में 10 गुना वृद्धि और घनत्व में 30 गुना वृद्धि सुनिश्चित करेगी। इसमें प्रति वर्ग मीटर में दो से चार पेड़ लगाने से एक घने ग्रिड का निर्माण होगा जो कंक्रीट के ताप द्वीपों में तापमान को कम करने में मदद करेगा। सिंचाई, निराई-गुड़ाई और मल्चिंग सहित सिर्फ 3 साल के रखरखाव के बाद यह आत्मनिर्भर हो जाएगा। दुग्गल ने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित करने से अधिक खनिज-सघन दुनिया बन जाएगी, क्योंकि इलेक्ट्रिक कारों को पारंपरिक कार की तुलना में छह गुना अधिक खनिजों की आवश्यकता होगी, और तटवर्ती हवा को गैस फील्ड प्लांट की तुलना में नौ गुना अधिक खनिज की आवश्यकता होगी। उन्होंने कहा कि भविष्य में दिखने वाली धातुओं के अपने पोर्टफोलियो के साथ वेदांता की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। वेदांता जीरो हार्म, जीरो वेस्ट एंड जीरो डिस्चार्ज के अपने मूल सिद्धांत की दिशा में सक्रिय रूप से कार्यरत है, और हम देश और दुनिया को पर्यावरण प्रबंधन, सामाजिक समानता और प्रभाव, एवं अच्छे कॉर्पोरेट के सिद्धांतों पर भरोसा करते हुए एक बेहतर जगह बनाने हेतु प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने सभी से आव्हान किया कि सभी इसमें अपनी भागीदारी निभाते हुए प्रत्येक व्यक्ति इस दुनिया को एक बेहतर जगह बनाने के लिए अपना योगदान दे।