शान्तनु कुमार सिंह की रिपोर्ट
पटना– बहुत ही हर्षोल्लास के साथ यह पर्व मनाया गया। प्रमुख रूप से डॉ विनोद कुमार यादव एवं उनकी पत्नी ने व्रत रखें। मुख्य रूप से डॉ बी. पी.यादव डॉ आलोक कुमार डॉ अंकित राज डॉ शैलेंद्र कुमार सिंह एवं सुरेश प्रसाद सिंह मौजूद रहे। बिहार की दूरदर्शिता का आज एक उत्तम उदाहरण दिवस है, यहां की महिलाओं ने वर्षों पूर्व से साल में एक बार चार दिवसीय अनुष्ठान कर अपने खानदान और समाज के लिए बेटी मांगती हैं। छठ पर्व के पावन अवसर पर गाए जाने वाले गीतों में वे गाती आयी हैं- “रूनकी झुनकी बेटी मांगीला, पढ़ल लीखल पंडितवा दामाद, ए छठी मईया दर्शन दिहीं न अपान”, यही नहीं वो घर में सिमटी- सकुचाई रहने वाली बेटी नहीं बल्कि ऐसी बेटी चाहती हैं जिनके कदमों की आवाज से पूरी दुनिया में गुंजती रहे और उन्हें जो वर मिले वो पैसे वाला हो या न हो पर पढ़ा- लिखा जरूर हो। छठ पर्व के विभिन्न मौकों पर महिलाओं के लिए सम्मान ही सम्मान देखने को मिलता है।
शुचिता, सात्विकता, शुद्धता, स्वच्छता, सामाजिकता के पर्याय लोक आस्था के महापर्व पर भगवान भास्कर आपका संपूर्ण जीवन खुशहाली एवं समृद्धि से परिपूर्ण करें।