अटल पाण्डेय! गोपालगंज के भोरे विधानसभा के कोरेया गांव के इस लड़के को चार दिन पहले सैकड़ों की भीड़ के साथ घेर कर कुछ लोगों ने चाकुओं से गोद गोद कर मार डाला। बताते हैं कि सत्रह वर्ष के इस लड़के पर पचासों वार किए गए थे। मारने वालों का नेतृत्व कौन कर रहा था जानते हैं? पीड़ित परिवार के अनुसार पूर्व विधायक प्रत्याशी और भाकपा माले के नेता जितेन्द्र पासवान! गोपालगंज सिवान के कुछ हिस्सों में वामपंथी आतंकियों का शुरू से बोलबाला रहा है। अपने राजनैतिक विरोधियों को ध्वस्त करने का इनका अपना तरीका है। ये लोग गरीब तबके को अपना हथियार बनाते हैं। किसी भी सम्पन्न व्यक्ति की संपत्ति पर हजार की संख्या ले कर धावा बोला जाता है, और कब्जा कर लिया जाता है। यदि किसी ने विरोध किया तो हरिजन एक्ट, छेड़खानी का मुकद्दमा, मीडिया ट्रायल वगैरह वगैरह… अभी कुछ ही दिनों पहले आपने एक वर्ष के लड़के पर हरिजन एक्ट और छेड़खानी के मुकद्दमे वाली खबर पढ़ी होगी। वह यहाँ का काला सच है।
इसे जाति से जोड़ कर मत देखिएगा! इन आतंकियों ने हर जाति के सम्पन्न लोगों की जमीनें छीनी हैं। कोई नहीं बचा… अटल पाण्डेय के साथ भी यही हुआ। उसकी पुस्तैनी जमीन छेकने सैकड़ों लोग चले आये थे, उसने विरोध किया तो चाकुओं से गोद कर मार दिया गया। आप समझ रहे हैं यह किस तरह का आतंक है? यह सुशासन है…जिले के किसी नेता का कोई बयान नहीं आया है अबतक! यहाँ तक कि वहाँ के विधायक भी चुप्पी साधे हुए हैं, जबकि उनका राजनैतिक विरोधी ही मुख्य अभियुक्त है। कारण समझते हैं? कारण यह है कि सब डरते हैं। विरोध किया तो कब मार दिए जाएंगे, कोई नहीं जानता। यह कम्युनिष्ट आतंक है…
चार दिन पहले तक मुर्गा, लिट्टी और चाउमीन के लिए गोली चलने की फर्जी खबरें खूब तैर रहीं थीं अखबारों में; पर इस हत्या पर हर ओर शान्ति है। उन दो कौड़ी के नए पत्रकारों के लिए यह खबर खबर है ही नहीं। कोई नेता, समाजसेवक पीड़ित परिवार का हाल पूछने भी नहीं जा रहा। आगे भी कोई नहीं जाएगा… मुख्य अभियुक्त गिरफ्तार नहीं हुआ है अभीतक! मुझे लगता भी नहीं कि गिरफ्तार होगा, क्योंकि पूरी वामपंथी लॉबी उतर गई है उसके बचाव में… उसके समर्थक सोशल मीडिया में लगातार धमकी दे रहे हैं कि यदि उसकी गिरफ्तारी हुई तो जिले में आंदोलन होगा। इस हत्या को क्रांति और आंदोलन बताया जा रहा है। अर्बन नक्सली गैंग सक्रिय हो गया है…
यह मेरा गोपालगंज है! जिले में जदयू के सांसद हैं, भोरे में जदयू के विधायक हैं जो राज्य सरकार में मंत्री हैं, और वहाँ वामपंथी आतंकी सरेआम हत्या कर के खुले घूम रहे हैं। कोई भय नहीं, कोई डर नहीं… यह बिहार है! जहाँ अब बोलने में भी डर लगता है…