डिलेश्वर प्रसाद साहू की रिपोर्ट
धमतरी – खेती बचाओ आंदोलन समिति के संस्थापक अधिवक्ता शत्रुहन साहू ने प्रेस नोट जारी कर कहा कि विगत एक वर्ष से भी अधिक समय से दिल्ली के बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वाधान में चल रहे किसान आंदोलन जिसका अहम संघर्ष छत्तीसगढ़ में खेती बचाओ आंदोलन समिति ने किया जो वर्तमान में अपने अंतिम चरण की ओर है , जिस तरह किसान नेता राकेश टिकैत की आंसू ने दिल्ली किसान आंदोलन में जान फूंकी ठीक उसी तरह खेती बचाओ आंदोलन समिति ने इस ऐतिहासिक आंदोलन को छत्तीसगढ़ प्रदेश में भाजपा के विधायक, सांसद, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष , राज्यपाल का घेराव कर धार दिया जिसके फलस्वरूप ही छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ ने हमारी खेती बचाओ आंदोलन को पूरे छत्तीसगढ़ में पुरजोर तरीके से चलाकर तीनों कृषि कानून की खामियों से अवगत करवा कर किसानों को एक मंच पर लाने का प्रयास किया जिसके परिणाम स्वरूप ही 28 सितम्बर को लाखों किसानों की महापंचायत त्रिवेणी संगम राजिम में किसान नेता राकेश टिकैत के नेतृत्व में संपन्न हो पाया और अंततः 650 से अधिक किसानों की कुर्बानियों के बाद केंद्र सरकार को किसानों के संघर्षों के आगे घुटने टेक तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना पड़ा इसके साथ ही संयुक्त किसान मोर्चा के अन्य मांगो पर भी सरकार की सहमति बनती दिख रही है. यह लोकतंत्र की ही ताकत है कि सरकार को देशवासियों से माफी मांगते हुए उनके आगे नतमस्तक होना पड़ा।
अब जब आंदोलन अपनी सफलता की ओर अग्रसर हो रहा हैं तो ऐसी ऐतिहासिक पल को यादगार और स्वर्णिम बनाने तथा आगे की रणनीति पर चर्चा करने के लिए खेती बचाओ आंदोलन समिति धमतरी छत्तीसगढ़ की कार्यकारिणी की आवश्यक बैठक दिनांक 11 दिसंबर दिन शनिवार समय-12 बजे से स्थान-किसान कार्यालय सेंचुरी गार्डन के सामने, गांधी मूर्ति के पास कचहरी उतार धमतरी में रखी गई है जिसमे आप सभी साथियो की उपस्थिति आपेक्षित हैं।