शान्तनु कुमार सिंह की रिपोर्ट
पटना आईएसएम पटना के आईपीआर सेल ने 15 दिसंबर 2021 को बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी पटना के रिसर्च एंड डेवलपमेंट डीन और मानवता एवं विकास के लिए बौद्धिक संपदा में अभिनव अनुसंधान और सुविधा केंद्र के निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) सुभाष चंद्र रॉय कानून, संस्थान के हर्बल गार्डन में एक औषधीय पौधा लगाने के बाद, बौद्धिक संपदा अधिकारों पर एक बहुत ही व्यावहारिक और व्यापक व्याख्यान दिया, और प्रबंधन तथा आईटी के छात्रों को समकालीन तकनीकी युग के वैश्वीकृत विश्व व्यवस्था में आईपीआर के महत्व से अवगत कराया। उन्होंने छात्रों को बौद्धिक गतिविधियों और कृतियों के कानूनी अधिकारों से संबन्धित पेटेंट, कॉपीराइट, निशान और व्यापार रहस्य के बारे में बताया और उन्होने विश्व स्तर पर न्यायपालिका द्वारा आईपीआर के प्रोत्साहन, संरक्षण एवं प्रबंधन हेतु किए गए उपायों की विस्तृत जानकारी दी।
उपस्थित प्रतिभागियों को कार्यक्रम के विषय और उद्देश्यों से अवगत कराते हुए, आईपीआर सेल के अध्यक्ष, कार्यक्रम समन्वयक और संस्थान के नोडल प्रमुख, श्री राजेश्वर दयाल ने कहा कि 2016 में राष्ट्रीय आईपीआर नीति अपनाने के बाद बौद्धिक संपदा संरक्षण को उल्लेखनीय सफलता हासिल हुई है। उन्होने यह भी कहा कि आम आदमी के लिए आईपी प्रक्रियाओं को इस नीति को अपनाए जाने बाद काफी सरल बनाया गया है साथ ही भारतीय आईपी कार्यालयों में पेंडेंसी में भी उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। “रचनात्मक भारत अभिनव भारत” के स्लोगन के साथ कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए श्री दयाल ने प्रतिभागियों को प्रो. रॉय की संपूर्ण शैक्षणिक और व्यावसायिक उपलब्धियों के बारे में एक संक्षित परिचय कराया। आईएसएम के माननीय निदेशक प्रो. (डॉ.) आर.के. सिंह ने मुख्य अतिथि को एक स्मृति चिन्ह, शॉल और एक पौधे से सम्मानित किया। पूरे कार्यक्रम का संचालन आईपीआर सेल की सदस्य डॉ. श्वेता ने किया। संपूर्ण आईएसएम भ्रातृत्व की ओर से, आईपीआर सेल के सदस्य, सहायक प्रोफेसर, श्री नयन रंजन सिन्हा ने प्रो. रॉय, सभी प्रतिभागियों और संस्थान के संकाय और गैर-शिक्षण सदस्यों को धन्यवाद ज्ञापन किया।