जमशेदपुर
टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा अपनी सादगी व साफगोई की वजह से खासे लोकप्रिय हैं। कहते हैं कि उनसे पहली बार मिलने वाला भी कोई व्यक्ति यदि कुछ देर उनसे बात कर ले, तो हमेशा के लिए उनका प्रशंसक बन जाता है। शायद यही वजह है कि केंद्रीय पथ परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी रतन टाटा के किस्से सुनाते नहीं अघाते हैं। हाल ही में उन्होंने रतन टाटा से जुड़ा एक किस्सा साझा किया है, जो पिछले दिनों मुंबई में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान का है। शुक्रवार को मुंबई में राजमार्गों में निवेश के अवसरों पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन में भी नितिन गडकरी ने जो किस्सा सुनाया, वह आप भी सुनिए।
टाटा ने साफ कहा, मुझे किसी से कुछ भी उम्मीद नहीं थी
1996 में हुई घटना को याद करते हुए नितिन गडकरी ने रतन टाटा द्वारा कही गई बातों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जब हम पहली बार 1996 में 500 करोड़ रुपये के लिए पूंजी बाजार में गए थे, तो हमें बांड में 1,160 करोड़ रुपये मिले थे। लोगों ने अतिरिक्त बांड खरीदे। दूसरी बार हम 650 करोड़ रुपये के लिए गए, फिर हमें बांड के रूप में 1100 करोड़ रुपये मिले। इस पर रतन टाटा ने मुझसे कहा, तुम हमसे ज्यादा समझदार हो। क्योंकि हमें उम्मीद नहीं थी कि बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए लोगों से इतना पैसा किसी को मिलेगा।
2014 से पहले परियोजना में देरी की वजह
इस बीच नितिन गडकरी ने निवेशकों को बताया कि सार्वजनिक निर्माण क्षेत्र में परियोजनाएं 2014 से पहले क्यों रुकी हुई थीं। इससे पहले, 2014 से पहले ऐसी परियोजनाओं में देरी हुई थी, क्योंकि भूमि अधिग्रहण में कई समस्या थी। फिर हमने तय किया कि जब तक परियोजना के लिए 90 प्रतिशत भूमि का अधिग्रहण नहीं किया जाता, तब तक परियोजना को शुरू नहीं किया जाएगा। पर्यावरण मंजूरी पहले ही दी जा चुकी है। इसलिए परियोजना को रोकने की कई समस्या अब हल हो गई है।
1600 करोड़ में 3600 करोड़ का प्रोजेक्ट पूरा
नितिन गडकरी ने यह भी बताया कि कैसे सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र से जुटाए गए धन के कारण मुंबई-पुणे एक्सप्रेस-वे के निर्माण में 2,000 करोड़ रुपये की बचत की। रिलायंस ने मुंबई-पुणे एक्सप्रेस-वे के लिए 3,600 करोड़ रुपये का टेंडर जमा किया था। हमने इसे खारिज कर दिया और 1600 करोड़ रुपये की लागत से एमएसआरडीसी के माध्यम से परियोजना को पूरा किया। हमने 2,000 करोड़ रुपये बचाए। बाद में महाराष्ट्र सरकार ने इसका मुद्रीकरण किया और इसमें से 3,000 करोड़ रुपये प्राप्त किए। हमने डेढ़ साल पहले इसका फिर से मुद्रीकरण किया और इसमें से 8,000 करोड़ रुपये प्राप्त किए। गडकरी ने निवेशकों से देश में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में निवेश करने की भी अपील की।