शेखर की रिपोर्ट
जहां एक तरफ नया साल आने में 12 दिन ही बचे हैं तो वही क्रिसमस आने में सिर्फ 4 दिन बचा है क्रिसमस की तैयारी को लेकर बोकारो और चास के तमाम गिरजा घरों में इसको लेकर ईसाई समुदाय के लोग अभी से ही तैयारी में जुट गए हैं लोग नगर की दुकानों में केक आदि को लेकर आर्डर भी देने लगे है। करीबियों को निमंत्रण दिया जा रहा है। नूतन कपड़ों की खरीद की जाने लगी है। चर्च को सजाने-संवारने का काम आरंभ हो गया है। खासकर युवा वर्ग व बच्चों में खासा उत्साह देखा जा रहा है। संध्या होते ही जगह जगह कैरोल गीत बज रहे है। नगर में खास कर क्रिश्चन क्वार्टर में इसकी धूम है। चर्च रोड भी गुलजार है। क्रिसमस को लेकर उनके द्वारा तैयारी चल रही है। इस दिन को काफी धूमधाम से मनाने की योजना है। इस दिन का हमें बेसब्री से इंतजार रहता है। वह दिन फिर से आ गया है। हम सब मिलजूल को इस दिन को यादगार बनाने के प्रयास में है। इस दिन कैंडल जलाया जाएगा। मिठाईयां खाने खिलाने की परंपरा का निर्वह्न किया जाएगा। इस अवसर पर क्रिसमस ट्री, क्रिसमस केक उपहार बांटना व घर सजाने का काम किया जाएगा। कार्ड देने, भोज कराने की भी परंपरा क्रिसमस में शामिल है। इसको लेकर उनके समुदाय में काफी उत्साह है। क्रिसमस के तीन सप्ताह पूर्व तीन दिसंबर से प्रभु का आगमन काल शुरू हो जाता है। इसी दिन से हम विशेष आध्यात्मिक तैयारी में जुट जाते हैं और विशेष प्रार्थना करते हैं। उन्होंने कहा कि विशेष प्रार्थना और आध्यात्मिकता की तैयारी करने के पीछे प्रभु येशु को खुश करना है। ताकि, उन्हें लगे कि उनके भक्त उनके प्रति पूरी श्रद्धा रखते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि आध्यात्मिक तैयारी के तहत हम विशेष प्रार्थना तो करते ही हैं। साथ-साथ अपनी कमजोरियों को सामने लाते हैं। पाप स्वीकार करते हैं, ताकि प्रभु हमारी गलतियों को क्षमा कर दें और योग्य इंसान बनने का शक्ति प्रदान करे। मौन प्रार्थना आध्यात्मिक साधना का एक हिस्सा है। आगमन काल में अपने घरों में साफ-सफाई करना, सजाना, अपने लिए नए परिधान सिलवाना, भोजन सामग्री निर्माण कराना भी प्रमुख है। क्रिसमस के पूर्व समाज बड़ी प्रेम से केक तैयार कराता है, ताकि पर्व के अवसर पर अपने मित्रों के बीच केक बांटकर आपस में खुशियां बांटे।