मोहन प्रसाद यादव की रिपोर्ट
अनूपपुर फर्जी प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी हासिल करने के बारे में तो आपने बहुत सुना होगा लेकिन अनूपपुर मध्य प्रदेश में एक ऐसा मामला सामने आया है जहां ना सिर्फ एक शख्स ने फर्जी कोठे पर नौकरी करता रहा और प्रशासन की आंखों में धूल झोंकता रहा l
मामला अनूपपुर जिले के कृषि उपज मंडी समिति का है जहां एक शख्स ने कृषि उपज मंडी समिति अनूपपुर में बतौर मंडी निरीक्षक प्रभारी सचिव रविंद्र सिंह जनरल कोटे का व्यक्ति अनुसूचित जनजाति के कोठे पर हासिल की नौकरी जिनकी नियुक्ति फर्जी दस्तावेज के आधार पर दिनांक 19 मार्च 1996 को उमरिया कृषि उपज मंडी में सेवा प्रारंभ किया एवं राज्य मंडी बोर्ड सेवा में दिनांक 13 जुलाई 1998 को हुआ और इनकी संवर्ग में पदोन्नति दिनांक 2 जुलाई 2008 को हुआ एवं उनकी सेवानिवृत्ति 30 सितंबर 2031 को है जो कि उन्होंने शासन को ही नहीं बल्कि अनसूचित जनजाति के अधिकारों का हनन किया है
*आरटीआई से हुआ फर्जी कोठे का खुलासा*
शिकायतकर्ता की शिकायत है कि रविंद्र सिंह सचिव मंडी निरीक्षक प्रभारी सचिव पद पर कार्य कर रहे हैं वह अपनी फर्जी जाति प्रमाण पत्र लगाकर नौकरी कर रहे हैं जिसमें साफ लिखा गया है कि वह क्षत्रिय सामान्य कोटे से आते हैं उक्त जानकारी विद्यालय छात्र पंजी संख्या 354/82 मैं दर्ज है वही स्थानांतरण प्रमाण पत्र में भी उल्लेख किया गया है कि वह जाति क्षत्रिय सामान्य वर्ग से आते हैं जो कि इनके द्वारा अनुसूचित जनजाति के आरक्षण को लगातार खाया जा रहा है