हरिश साहू रायपुर
रायपुर : भारत में पहली बार, परिवारों और समुदायों में महत्वपूर्ण व्यवहार को बढ़ावा देने के लिए एक ‘व्यवहार क्लब या बिहेवियर लैब छत्तीसगढ़ के बस्तर में किया गया है। यह जगदलपुर में यूनिसेफ और शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय द्वारा संयुक्त रूप से स्थापित किया गया है।
इस अनोखे बिहेवियर क्लब के तहत, छात्र और संकाय प्रबुध्ध्जन व्यवहार परिवर्तन के लिए कारण की पहचान कर के सामाजिक प्रयोग करेंगे और बाधाओं का आकलन करने के लिए अध्ययन करेंगे, सामाजिक मानदंडों की पहचान कर व्यवहार परिवर्तन पर अधिक जागरूकता पैदा करेंगे।
छत्तीसगढ़ के यूनिसेफ प्रमुख जॉब जकारिया का कहना है कि व्यवहार परिवर्तन एक जादू की गोली है जो बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा और सुरक्षा में सुधार कर सकती है। “यदि सभी परिवार और समुदाय जन्म के एक घंटे के भीतर शिशुओं को स्तनपान कराने, पहले छह महीनों के लिए शिशुओं को विशेष रूप से स्तनपान कराने और साबुन से हाथ धोने जैसी 10 महत्वपूर्ण प्रथाओं को अपनाते हैं, तो बच्चों में रोग, मृत्यु, कुपोषण और एनीमिया कम हो जाएगा। युवा शक्तिशाली सामाजिक परिवर्तन एजेंट हैं और इसलिए वे इन महत्वपूर्ण व्यवहारों को बढ़ावा दे सकते हैं” जकारिया ने कहा।
शहीद महेंद्र कर्मा विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ शैलेंद्र कुमार सिंह ने कहा, “बिहेवियर क्लब” छत्तीसगढ़ के आदिवासी क्षेत्रों में लोगों से जुड़ने में मददगार होगा और स्थानीय लोगों को वांछित व्यवहार अपनाने में सक्षम बनाएगा।
युवा किसी भी समुदाय में नए मानदंडों को आकार देने में प्रमुख उत्प्रेरक हैं। बिहेवियर क्लब उन्हें परिवर्तन एजेंट बनने में सक्षम करेगा और समाज के लिए युवा सामाजिक प्रभावक पैदा करेगा : अभिषेक सिंह एसबीसी विशेषज्ञ, यूनिसेफ, भारत