प्रधान संपादक की रिपोर्ट
कांग्रेस अध्यक्ष पर अब शशि थरूर और मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच सीधी टक्कर है। हालांकि पार्टी सूत्रों का मानना है कि खड़गे का चुनाव जीतना तय माना जा रहा है। पिछले 50 सालों से कांग्रेस पार्टी के लिए काम कर रहे खड़गे ने शनिवार को राज्यसभा में विपक्षी नेता की पोस्ट से रिजाइन करके साफ कर दिया कि उनका कांग्रेस अध्यक्ष बनना लगभग तय है। इससे पहले दिग्विजय सिंह भी इस रेस में शामिल थे लेकिन, खड़गे की दावेदारी पेश होने के बाद उन्होंने पीछे हटना ही सही समझा। अब उन्होंने एक ट्वीट करके बड़ा संदेश दिया। लिखा- चाह गई चिंता मिटी।कई सालों से कांग्रेस पार्टी के संकटमोचक रहे मल्लिकार्जुन खड़गे इस वक्त कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष की रेस में सबसे आगे हैं। उनकी जीत तय मानी जा रही है। सूत्रों का कहना है कि सार्वजनिक तौर पर नहीं लेकिन, पर्दे के पीछे से खड़गे को गांधी परिवार का सपोर्ट है। यही वजह है कि कांग्रेस अध्यक्ष रिजल्ट आने से पहले ही उन्होंने राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया।
चाह गई चिंता मिटी
जहां पहले कांग्रेस अध्यक्ष की रेस में शामिल होते हुए दिग्विजय सिंह ने नामांकन पर्चा लिया था और कहा था कि वो पर्चा जरूर भरेंगे लेकिन, बड़े ही नाटकीय घटनाक्रम के तहत मल्लिकार्जुन खड़गे सामने आए तो गांधी परिवार की पर्दे के पीछे सहमति के बीच उन्होंने नामांकन दाखिल किया। खड़गे के रेस में शामिल होते ही सिंह ने खुद ही अपना नामांकन विदड्रॉ कर दिया। शनिवार सुबह सिंह ने एक ट्वीट करके अपना संदेश साफ किया है। माना जा रहा है कि उन्होंने यह पोस्ट खड़गे के समर्थन में किया है। रहीम की एक कविता शेयर करते हुए सिंह लिखते हैं- “चाह गई चिंता मिटी, मनुआ बे परवाह, जाके कछु नहीं चाहिए, वे शाहन के शाह।”
गहलोत के बाद गांधी परिवार की पसंद खड़गे
कांग्रेस पार्टी के सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर गांधी परिवार की पहली पसंद अशोक गहलोत थे लेकिन, राजस्थान सीएम पद का मोह उन्हें इस रेस से बाहर कर गया। उन्होंने सोनिया गांधी से मिलकर माफी मांगी और अध्यक्षी पद से तौबा किया। माना जा रहा है कि गहलोत के बाद गांधी परिवार के पर्दे के पीछे बड़ा कदम उठाया और पार्टी के सबसे वरिष्ठ नेता और संकटमोचक खड़गे को कमान सौंपने का मन बनाया है। इसीलिए खड़गे नए कांग्रेस अध्यक्ष के सबसे प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं।