मनोज उनियाल की रिपोर्ट
शिमला – हिमाचल के बॉर्डर एरिया में हजारों लोगों की एक साथ एंट्री से अजीबोगरीब हालात बन गए हैं। पिछले दो दिनों में राज्य में करीब 26 हजार लोग आ चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग एक तरफ 80 फीसदी लोगों में कोरोना के लक्षण न पाए जाने की दलील दे रहा है। दूसरी तरफ हिमाचल के बॉर्डर पर थर्मल स्कैनिंग से लोगों को एंट्री मिल रही है। इस कारण प्रदेश में कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका बन गई है। राजस्व विभाग के आंकड़ों के अनुसार हिमाचल के अढ़ाई लाख लोग देश के विभिन्न हिस्सों में मौजूद हैं। इनमें आधे से ज्यादा लोग घर वापसी करना चाहते हैं। इसकी मुख्य वजह लोगों की नौकरी जाना है। कांगड़ा जिला से 26 हजार लोगों को घर वापसी का कर्फ्यू पास जारी हो चुका है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि प्रदेश के अन्य जिलों में स्थिति क्या होगी। हिमाचल सरकार ने कोटा-जयपुर से लाए गए 140 छात्रों के कोविड-19 के टेस्ट किए हैं। दूसरे लोगों को थर्मल स्कैनिंग के आधार पर प्रवेश मिल रहा है। जाहिर है कि थर्मल स्कैनिंग सिर्फ शरीर के भीतर बुखार के लक्षणों का पता लगाता है। इसके अलावा बॉर्डर पर तैनात हेल्थ केयर वर्कर बाहर से आने वाले लोगों के शारीरिक हाव-भाव देखकर उनमें कोरोना के लक्षणों का पता लगा रहे हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि बाहर से आ रहे लोगों की स्वास्थ्य जांच के प्रबंध कितने पुख्ता है। हालांकि बाहरी प्रदेशों से आ रहे लोगों को 14 से 28 दिन तक होम क्वारंटाइन रखने की कड़ी हिदायत दी गई है। इसके लिए कई जिलों में पटवारी, पंचायत सचिव तथा आंगनबाड़ी वर्कर को इन पर कड़ी निगरानी रखने के लिए तैनात किया गया है। लिहाजा बाहर से आए लोगों में अगर होम क्वारंटाइन के दौरान किसी भी प्रकार के लक्षण आते हैं, तभी उनके कोरोना टेस्ट होंगे। उल्लेखनीय है कि पीपीई किट तथा कोरोना टेस्ट किट का दुनियाभर में अकाल है। देश में भी राशनिंग के आधार पर इसकी अलॉटमेंट की जा रही है। इससे पहले राज्य सरकार ने निर्णय किया था कि बाहरी प्रदेशों से आने वाले लोगों के बॉर्डर पर कोरोना टेस्ट होंगे। इसकी रिपोर्ट आने के बाद ही उन्हें राज्य के भीतर प्रवेश मिलेगा। अब यह फार्मूला सिर्फ कोटा से आए छात्रों पर लागू किया जा रहा है। अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि कोटा हॉट स्पॉट घोषित किया गया है। इस कारण इन सभी छात्रों के कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट आने के बाद एंट्री दी जाएगी। दूसरे राज्यों से आ रहे हजारों लोगों के बॉर्डर पर टेस्ट करना संभव नहीं है। इसके चलते थर्मल स्कैनिंग के बाद इन्हें प्रशासन की नजर में होम क्वारंटाइन किया जाएगा। टेस्ट किटों की कमी के चलते बाहर से आ रहे लोगों के टेस्ट कर पाना सरकार के लिए संभव नहीं है, लेकिन एक साथ हजारों लोगों की एंट्री पर भी अब सवाल उठने शुरू हो गए हैं।