अरमान अली की रिपोर्ट
करीब 14 महीने की हिरासत के बाद रिहा हुईं जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने सियासी गतिविधियां शुरू करते हुए शुक्रवार को पहली प्रेस कान्फ्रेंस की और इस दौरान राष्ट्रीय झंडे का अपमान कर दिया। इतने महीनों बाद पहली बार किसी प्रेस कान्फ्रेंस को संबोधित करने आईं महबूबा ने घोषणा की है कि उनकी पार्टी जम्मू-कश्मीर को वही दर्जा (अनुच्छेद 370 हटने से पहले) वापस दिलाने में जमीन-आसमान एक कर देगी। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि भारत जम्मू-कश्मीर की सिर्फ जमीन चाहता है, उसके लोगों को नहीं। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि वह अनुच्छेद 370 फिर से लागू होने तक तिरंगा झंडा नहीं उठाएंगी और न ही कोई चुनाव लड़ेंगी।
दिलचस्प है कि उन्होंने प्रेस कान्फ्रेंस के दौरान अपनी टेबल पर जम्मू-कश्मीर के झंडे के साथ पार्टी का झंडा रखा हुआ था। उन्होंने जम्मू-कश्मीर के झंडे की तरफ इशारा करते हुए कहा कि जब तक मेरा झंडा हमारे पास वापस नहीं आ जाता, मैं कोई भी दूसरा झंडा नहीं उठाऊंगी। फिलहाल मेरा झंडा मेरे सामने है। महबूबा के इस रुख पर भाजपा ने अपनी गहरी नाराजगी जताई है। भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री कवींद्र गुप्ता ने कहा कि वे जमाने चले गए, जब दो झंडे हुआ करते थे। भाजपा का वादा था कि एक विधान, एक निशान, एक प्रधान और हमने सत्ता में आने पर उसे पूरा किया। ये लोग पता नहीं कौन से वहम में जी रहे हैं और इनको भी चाहिए कि उस झंडे (जम्मू-कश्मीर के झंडे) को उतार दें। पूरे भारत का एक ही झंडा है और वह है तिरंगा और उन्हें भी तिरंगे का सम्मान करना चाहिए।