अरमान अली की रिपोर्ट
जम्मू कश्मीर के पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी से जिंदगी दुश्वार बन गई है। घाटी के पहाड़ी इलाकों में तापमान जमाव बिंदु से नीचे चला गया है। जम्मू-कश्मीर की गर्मियों की राजधानी श्रीनगर में इस सीजन की ही नहीं, बल्कि पिछले दस वर्षों में सबसे ठंडी रात रही। यहां तापमान शून्य से 6.4 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जो कि पिछले एक दशक में दिसंबर के महीने का सबसे कम तापमान है। कश्मीर घाटी में पड़ रही कड़ाके की ठंड के कारण तापमान जमाव बिंदु से कई डिग्री सेल्सियस नीचे चला गया। वहीं, गुलमर्ग जैसे प्रसिद्ध हिल स्टेशन पर तापमान शून्य से 11 डिग्री नीचे पहुंच गया।
प्रचंड ठंड से नदी नालों का जमना हुआ शुरू हो गया है। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि रात के समय तापमान में कमी आई है, पहलगाम में पारा शून्य से नीचे दर्ज किया गया। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में भी मौसम बहुत कठोर है। लेह का तापमान भी शून्य से 14 डिग्री सेल्सियस नीचे पहुंच गया है। जम्मू और कश्मीर में रात के तापमान में सोमवार से गिरावट शुरू हुई, जो लगातार जारी है। मौसम विभाग ने अगले सप्ताह तक शुष्क मौसम की भविष्यवाणी की है, जिसका मतलब तापमान में और गिरावट हो सकती है। पश्चिमी विक्षोभ के कारण दक्षिणी कश्मीर के ऊपरी इलाकों में भारी बर्फबारी हुई है। मौसम विभाग ने कहा है कि रात के तापमान में और कमी की संभावना के साथ 21 दिसंबर तक मौसम शुष्क रहने की संभावना है। इधर, पहाड़ों पर हो रही बर्फबारी का असर शीत लहर के रूप में मैदानी इलाकों पर भी दिखने लगा है।
आईएमडी के क्षेत्रीय पूर्वानुमान केंद्र के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण पश्चिमी हिमालय में भारी बर्फबारी हुई और अब शीत लहर के मैदानी इलाकों की ओर बहने की वजह से तापमान में गिरावट आ रही है। शुक्रवार को दिन के ठंडे रहने के साथ ही शीत लहर चलने का पूर्वानुमान है। उन्होंने बताया कि मैदानों में अगर तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे या लगातार दो दिन तक सामान्य से 4.5 डिग्री सेल्सियस कम रहता है तो शीतलहर की घोषणा की जाती है, लेकिन दिल्ली जैसे छोटे क्षेत्र में यह स्थिति एक दिन भी बने रहने पर शीतलहर की घोषणा की जा सकती है।