हल्द्वानी : नैनीताल जिले में हैड़ाखान रोड पर हरीशताल झील के किनारे सुरक्षा दीवार बनाने का कार्य अंतिम चरण में पहुंच गया है। इस वित्तीय वर्ष के खत्म होने तक निर्माण पूर्ण होने का दावा सिंचाई विभाग कर रहा है। वहीं इसके बाद झील को पर्यटन के रूप में विकसित करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। मुख्य अभियंता ने अधिशासी अभियंता को पत्र भेज प्रस्ताव बनाने को कहा है।
हैड़ाखान रोड पर स्थित हरीशताल झील नैसर्गिक रूप से काफी सुंदर है। इस झील के संरक्षण के लिए सिंचाई विभाग ने त्वरित लाभ सिंचाई योजना के तहत चारों ओर 770 मीटर लंबी सुरक्षा दीवार बनाने का प्रस्ताव केंद्र को भेजा था। वर्ष 2013-14 में इस योजना को स्वीकृति मिल गई। इसकी कुल लागत 252.10 लाख रुपये थी। उस समय राज्य सरकार ने अपना अंश 25.20 लाख रुपये सिंचाई विभाग को दे दिए, लेकिन केंद्रांश नहीं मिलने से काम अटक गया। तब महकमा केवल 370 मीटर दीवार का ही निर्माण कर पाया था। तीन माह पहले केंद्र सरकार ने 226.90 लाख रुपये की स्वीकृति के साथ ही 94.63 लाख रुपये का आवंटन सिंचाई विभाग को कर दिया है।
विभाग के अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक इस धनराशि से वर्ष 2013-14 में किए गए कामों का 45 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया है। इसके साथ ही सुरक्षा दीवार बनाने का शेष काम भी 75 फीसद पूरा हो चुका है। वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक काम पूरा कर लिया जाएगा। शेष धनराशि भी केंद्र से इसी माह मिलने की उम्मीद है। मुख्य अभियंता ने बताया कि हरीशताल झील में सुरक्षा दीवार बनने से आसपास के क्षेत्र की सिंचाई समस्या का समाधान होगा।
मुख्य अभियंता, सिंचाई विभाग संजय शुक्ल ने बताया कि केंद्र सरकार की त्वरित लाभ सिंचाई योजना के तहत हरीशताल झील के चारों ओर सुरक्षा दीवार बनाने का काम अंतिम चरण में पहुंच गया है। सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने झील को पर्यटन के लिए विकसित करने के लिए कहा है। अधिशासी अभियंता को पर्यटन की संभावनाओं का प्रस्ताव बनाने के लिए पत्र लिखा गया है।
गौलावार की 24 नहरों का निमार्ण कार्य लगभग पूरा
केंद्र सरकार की त्वरित लाभ सिंचाई के तहत वर्ष 2013-14 में 64 नहरों को बनाने के प्रस्ताव पर भी केंद्र सरकार ने अपना अंश देना शुरू कर दिया है। हालांकि पांच साल में योजनाओं की लागत बढऩे पर 27 नहरों का निर्माण कराया जा रहा है। इनका लगभग 90 फीसद काम पूरा हो चुका है। इसी वित्तीय वर्ष में नहर निर्माण का काम पूरा हो जाएगा। सिंचाई विभाग के मुताबिक 2013-14 में केंद्र ने 64 नहरों को बनाने की 694.31 लाख रुपये की योजना को स्वीकृति दी थी। तीन महीने पहले केंद्र ने 528.28 लाख रुपये की स्वीकृति देने के साथ ही 79.17 लाख रुपये सिंचाई विभाग को दे दिए हैं। वहीं नहरों के निर्माण की लागत बढऩे से अब इस धनराशि से 24 किमी लंबी नहरों का निर्माण गौलावार क्षेत्र में किया जा रहा है। इसमें हल्द्वानी ब्लाक व कोटाबाग ब्लाक का क्षेत्र शामिल है।