सैलून का काम करने वाले लोगों के सामने लॉकडाउन के चलते परिवार चलाना हुआ मुश्किल
शादाब जफर की रिपोर्ट
सैलून कारीगर शअभी तक घर का खर्च किसी तरह से चला रहे थे पर लगभग चालिस दिनों से ज्यादा से घरों मैं बैठे सैलून का काम करने वाले दिहाड़ी मजदूर और सैलून स्वामी का लॉकडाउन के चलते घर परिवार चलाना बहुत मुश्किल हो रहा हैं। बेकारी, बेरोजगारी, रमज़ान और तमाम खर्च सर पर हैं और मजदूरी ज़ीरो हैं कुछ दिनों तक घरों का खर्च चला पर अब 40 दिनो से ज्यादा बंद पड़ी दुकानों का किराया कहां से देंगे, इसकी भी चिंता उन्हें सताने लगी है।
नजीबाबाद सहित जनपद बिजनौर में सैलून के काम में हजारों लोग जुड़े हैं। इनमें अधिकतर लोग दिहाड़ी पर या छोटी दुकानें चलाते हैं, रोजाना 300 से 400 रुपये कमा कर घर का और बच्चों की पढ़ाई खर्च चलाकर किसी तरह गुजर-बसर कर रहे हैं। लॉकडाउन लंबा होने से अब इन लोगों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।
अॉल इंडिया जमात ए सलमानी कमेटी के नजीबाबाद के अध्यक्ष हाजी अनीस अहमद सलमानी ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि सैलून में काम करने वाले कारीगर लम्बे लॉकडाउन के कारण भुखमरी के कगार पर आ चुके हैं। चुके बारबरी का काम करने वाले ज्यादातर लोग दिहाड़ी मजदूर हैं, रोज़ कमाकर घर का खर्च चलाते हैं ऐसे में सरकार से नकद मदद भी मिलनी चाहिए। इनके जीवन यापन के लिए शीघ्र ही सरकार की तरफ से गाइडलाइन जारी होनी चाहिए। जिस के मुताबिक सोशल डिशटेंस और पूरी साफ सफाई से सैलून पर करीगर काम करें। नजीबाबाद फम्मी ब्यूटी पार्लर के स्वामी अबरार सलमानी का कहना है कि कोरोना संक्रमण से लड़ने के लिए वे राज्य सरकार के साथ खड़े हैं। लेकिन उन पर आए संकट का सरकार को ध्यान देना चाहिए और तमाम प्रदेश मैं सैलून करीगरो को राशन राहत किट उपलब्ध कराई जाए।
सैलून का काम करने वाले अॉल इंडिया जमात ए सलमानी कमेटी के नजीबाबाद के सोनू सलमानी ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान दुकानें बंद होने से रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। सैलून की दुकान अधिकतर किराए पर हैं और लॉकडाउन में दुकानें खोलने की अनुमति नहीं होने से सलमानी समाज को आर्थिक संकट से गुजरना पड़ रहा है। फहीम खुर्शीद सलमानी एडवोकेट व डाक्टर शकील अहमद सलमानी ने केंद्र और राज्य सरकार से मांग की कि नजीबाबाद सहित अन्य जनपदों में रहने वाले सलमानी समाज के लोगों को प्रदेश सरकार को पांच हजार रुपए प्रति माह आर्थिक मदद मुहैया कराई जाए। वही सलमानी समाज के दिहाड़ी करीगरो और उन परिवारो की सलमानी बिरादरियो को आगे आकर मदद करनी चाहिए।