शादाब जफर शादाब
शिक्षा के क्षेत्र में नजीबाबाद सहित प्रदेश में अपनी अलग पहचान रखने वाला मूर्ति देवी सरस्वती इंटर कालेज नजीबाबाद की प्रसिद्धि इस की शिक्षा, अनुशासन, कुशल प्रबन्धन और विद्वान शिक्षको के कारण आज भारत ही नही बल्कि विदेशों में एमडीएस से पढ़े छात्रों द्वारा जग ज़ाहिर है।
मूर्ति देवी सरस्वती इंटर कालेज नजीबाबाद की स्थापना आजादी से पूर्व सन् 1944 में मीडिल स्कूल के रूप में हुई थी।उस वक़्त नजीबाबाद में शिक्षा और शिक्षण संस्थानों की बेहद कमी या यू कहूं की शहर में शिक्षण संस्थान थे ही नहीं। उस वक़्त शहर के कुछ प्रबुद्घ लोगों द्वारा इस पर विचार किया गया और मौहल्ला श्यामली में सेठ भगवती प्रसाद जी के एक बड़े मकान में एमडीएस मीडिल की आधार शिला रखकर बच्चों की पढ़ाई लिखाई शुरू की गई। सन् 1955 में स्कूल की तरक्की और शिक्षा के प्रति शहर के अभिभावको का रुझान देखकर स्कूल को घर से निकाल कर बड़े स्कूल के रूप में चलाने के लिए कमेटी ने फैसला लिया कि स्कूल को साहू जैन ट्रस्ट रमेश चन्द्र जैन जी के पिता और वर्तमान मै कालेज के संरक्षक अखिलेश जैन जी के दादा साहू शांति प्रसाद जैन को सौप दिया जाये ताकि कालेज और बढिया ढंग से चल सके। और हुआ भी ऐसा ही शीघ्र ही मीडिल से स्कूल चंद दिनों में हाई स्कूल बना गया और 1949 में इस कालेज की शैक्षणिक और निक्षणेत्तर उपलब्धियो के कारण इसे इन्टर कालेज की मान्यता प्राप्त हो गई।
ये हम हम सब जानते हैं कि नजीबाबाद के हर माता पिता की पहली तमन्ना ये ही रहती हैं कि उस का बच्चा एमडीएस इन्टर कालेज में शिक्षा प्राप्त करें। क्यों कि शिक्षा के क्षेत्र में एमडीएस का छात्र होने का एक अलग ही गौरव होता है। ये ही कारण है कि देश, विदेश में बसे एमडीएस से शिक्षा प्राप्त छात्र गर्व से कहते हैं कि हम एमडीएस के छात्र हैं। यहाँ की शिक्षा एंव परीक्षाफल जिला बिजनौर ही नहीं बल्कि मुरादाबाद मंडल एंव प्रदेश में अपनी एक अलग पहचान बनाये हुए हैं। इस कालेज का शायद ही कोई ऐसा शैक्षिक सत्र रहा हो जिस में इस कालेज के छात्रों का नाम प्रदेश की प्रथम वरीयता सूची में ना आया हो।
साहू जैन ट्रस्ट द्वारा संचालित एंव मालिनी नदी के तट के समीप नजीबाबाद शहर की पश्चिमी उत्तरी भाग में स्थित मूर्ति देवी सरस्वती इंटर कालेज नजीबाबाद ने अपने लगभग साढे सात दशकों के लम्बे और कई महत्वपूर्ण उतार चढाव देखे है। इस कालेज की निरन्तर उन्नति में साहू जैन ट्रस्ट, कुशल प्रबन्धक तंत्र, अति कुशल व अनुभवी शिक्षकगण के साथ साथ शहर की प्रबुद्घ जनता का भी विशेष योगदान रहा। कालेज के 1955 में प्रधानाचार्य के पद पर तैनात किये गये स्व: श्री राम नारायण केला जी के कार्यकाल में कालेज ने जो विकास के साथ साथ कामयाबी की गति पकडी वो गति आज भी कायम है। स्व: गुरु राम नारायण केला जी सन् 1955 से 1975 तक इस कालेज के प्रधानाचार्य के पद पर रहे। उस जमाने में भी जिला, मंडल व प्रदेश के छात्र कालेज में दाखिला लेने के लिए भारी संख्या में टेस्ट में बैठते थे और लिस्ट में नाम आने पर छात्र और उन के अभिभावक गर्व महसूस करते थे जो आज भी उसी तरहा बरकरार है। आचार्य आर एन केला जी के कार्यकाल में कालेज ने खूब नाम रोशन किया और केला जी भी शहर भर में गुरु जी के नाम से मशहूर हो गये। उन की प्रसिद्धि का ये आलम था कि छात्र उन्हें देखकर छुप जाते थे उन के सामने आते हुए श्रद्धा में डरते थे वही कुछ छात्र और उनके अभिभावक गुरु जी के चरणों में झुक जाते थे। आचार्य आर एन केला जी के कार्यकाल में कालेज ने खूब नाम रोशन किया बल्कि उस दौर में एमडीएस इन्टर कालेज केला जी के स्कूल के नाम से मशहूर हो गया था। लेकिन आचार्य आर एन केला जी ने सन् 1975 में आचार्य आर एन केला जी ने भारत टाकीज़, एसडीएम निवास के समीप जगह लेकर वहां अपने स्कूल आचार्य आर एन केला की स्थापना कर ली। उन के बाद कालेज के प्रधानाचार्य पद पर श्री राजशंकर गर्ग आये जिन्होंने अपनी मेहनत और काबिलियत से कालेज की काया ही पलट दी गर्ग जी ने अनुशासन और शिक्षा की परिभाषा ही बदल कर रख दी। उन के कार्यकाल में कालेज मजबूती से देश के शिक्षण संस्थानों में प्रथम वरीयता सूची में खडा रहा। राजशंकर गर्ग जी लगातार 22 वर्ष तक 1975 से 2003 तक एमडीएस इन्टर कालेज के प्रधानाचार्य पद पर रहे। उनके कार्यकाल में लोगों को केला जी की कमी कभी महसूस नही हुई। उन्होने भी एक कुशल प्रधानाचार्य की भूमिका निभाई और उन के कार्यकाल में कालेज ने खूब तरक्की की। राजशंकर गर्ग जी के बाद गोपीनाथ जी, आर.सी अग्रवाल,एस.एस.सिंधवानी,आर के गुप्ता, अब्दुल वासे, व विनोद कुमार जी ने कार्यवाहक प्रधानाचार्य के रुप में अपनी कार्य कुशलता से इस कालेज की तरक्की में चार चांद लगाये।
मुझे हर एक छात्र का भविष्य संवारने के साथ ही उसे राष्ट्र निर्माण योग्य बनाना है…अनुपम महेश्वरी
जुलाई 2011 से 31 मार्च 2018 तक डाक्टर हरवीर सिंह ने इस कालेज के प्रधानाचार्य पद को सुशोभित किया और अपनी सेवाएं कालेज को दी। वर्तमान मै 1 अप्रैल 2018 से कालेज के कार्यवाहक प्रधानाचार्य पद पर एनसीसी के प्रभारी कैप्टन अनुपम महेश्वरी जी कालेज की बागडोर बेहद कुशलता से संभाले हुए हैं।
अनुपम महेश्वरी बेहद संजीदा मृदुभाषी,कालेज के प्रति कर्तव्य निष्ठ,शिक्षा और छात्रों के प्रति बेहद गंभीर रहते है। मैंने जब कलम हिन्दुस्तानी हिंदी दैनिक समाचार पत्र के लिए उन से कुछ सवाल किये तो मुस्कुराने के बाद वो बेहद गंभीर हो गये और बोले शादाब जी मेरे कंधे पर जो ये जिम्मेदारी हैं वो बहुत बड़ी है। आने वाले देश के भविष्य की देखरेख करना उस को संवारना, सजाना और उस को इस काबिल बना कर देश को देना की देश कि उन्नति में वो बालक अहम किरदार निभाकर अपना, अपने घर परिवार और कालेज का नाम रोशन करें।
मुझ से पूर्व मेरे पद पर बैठे कई लोगों ने इस कालेज में शिक्षा प्राप्त करने आये छात्रों को संवार कर देश के विभिन्न प्रतिष्ठित पदों पर पहुंचाया है और कालेज और नगर का नाम देश विदेश में रोशन किया है। हमारे छात्र मेडीकल,इंजीनियरिंग,आई.एस,पी.सी.एस,मे चयनित हुए हैं जो कि बेहतर शिक्षा, कालेज की प्रतिष्ठिता,यश व गौरव, सहभागिता की सुखद अनुभूति अपने दायित्व को बेहद जिम्मेदारी से निर्वहन करने की प्रेरणा देती हैं।
अनुपम महेश्वरी ने आगे बताया कि कालेज में शिक्षा ग्रहण करने वाले व नये प्रवेश पाने वाले छात्रों को उच्चकोटि की शिक्षा देने के बाद कालेज में शिक्षा प्राप्त कर रहे छात्रों और उनके अभिभावको से सिर्फ इतना चाहता है कि वो कालेज के नियमों का गंभीरता से पालन करते हुए समय पर कालेज आकर पूरी निष्ठा और श्रृद्वा से अनुशासित रहकर कालेज के बेहद लोकप्रिय कर्तव्य निष्ठ, अनुभवी, विद्वान शिक्षको से शिक्षा ग्रहण कर के समाज और राष्ट्र निर्माण में अपना अधिक से अधिक और महत्वपूर्ण योगदान दे।
अनुपम महेश्वरी जी से जब ये पूछा गया कि लॉकडाउन के कारण छात्रों की पढ़ाई और स्कूल के सत्र पर कितना फर्क पडेगा तो उन्होने कहा कि लॉकडाउन का पीरियड लम्बा होने के कारण नये सत्र के लिए टेस्ट भी नही हो पाये जिस से कालेज में छात्रों की संख्या का अंदाजा नहीं लग पा रहा। वही मार्च और अप्रैल की पढ़ाई लॉकडाउन से बाधित हुई है जिस से अर्द्ववाषिक परीक्षा के लिये बच्चों और शिक्षको को काफी मेहनत मशक्कत करनी पडेगी।
लॉकडाउन की वजह से पूरे सत्र में कोर्स कैसे पूरे होगे इस पर भी अगर जुलाई में सरकार की क्या गाइड लाइन आयेगी इस के बाद ही स्कूल खुलने पर स्कूल स्टाफ से मीटिंग कर के प्रबंधन कमेटी के समक्ष बैठ कर कोई निर्णय लिया जायेगा। कालेज के कार्यवाहक प्रधानाचार्य अनुपम महेश्वरी जी ने छात्रों से अपील की है कि कालेज खुलने पर नियमित तौर वो कालेज आये। और पढाई मन लगा कर करें। अभिभावक भी अपने बच्चों की पढ़ाई पर अधिक से अधिक ध्यान दें ।