शादाब जफर शादाब की रिपोर्ट
नजीबबाद। हिन्दुस्तान के मशहूर ओ मारुफ शायर राहत इंदौरी साहब की मौत की खबर सोशल मीडिया से नजीबाबाद के अदब नवाज़ो तक पहुची तो हल्का ए अदब में विरानी छा गई। क्यों की जितनी नजीबाबाद के अदब नवाज़ लोगों को राहत इंदौरी से प्यार था उतना ही प्यार राहत इंदौरी भाई को नजीबाबाद के समाईन से था।
आज शाम एक ताज़यती मीटिंग शहर के मोआजिज़ अदब नवाज़ हज़रात की जानिब से मशहूर शायर राहत इंदौरी जी को खिराज़ ए अकीदत पेश करते हुए मौहल्ला मुनीरगंज में मास्टर दिलदार अहमद के यहाँ सोशल डिशटेंससिंग से शायर शादाब जफर शादाब की निज़ामत में और हसीनुद्दीन उर्फ कक्कू भाई की सदारत में हुई।
राहत इंदौरी साहब को खिराज़ ए अकीदत पेश करते हुए हसीनुद्दीन उर्फ कक्कू भाई ने उन्हें आलम का बेहतरीन शायर बताते हुए उन को याद किया। सीनियर एडवोकेट खुर्शीद आलम ने कहा कि राहत इंदौरी जैसे शायर शायद ही अब कभी मुशायरो को मिले। साहित्यकार दानिश सैफी ने राहत इंदौरी को क़लंदर बताते हुए कहा कि उन का अंदाज शाहो वाला था। जिया अंसारी ने राहत इंदौरी को कौम को अपनी शायरी से बेदार करने वाला मुजाहिद बताया।
मीटिंग में हसीनुद्दीन उर्फ कक्कू भाई, खुर्शीद आलम एडवोकेट, जियाउद्दीन अंसारी, दानिश सैफी, मौलाना इम्तियाज़ कासमी, साजिद हुसैन, इमरान अहमद एडवोकेट, गुलज़ार सैफी, इरशाद अहमद पूर्व सभासद नपा.,मास्टर दिलदार अहमद, मौहम्मद रफी, शादाब जफर शादाब ने दो मिनट का मौन रखकर राहत साहब को खिराज़ ए अकीदत पेश की।