गौरव शुक्ला की रिपोर्ट
फर्रुखाबाद: गंगा के तट पर कल्पवास कर रहे भागीरथी के भक्तों की आंख दिव्य भजनों के साथ खुलती है। भक्तिमय माहौल में ही कल्पवासी गंगा में गोता लगाते और जगह-जगह चल रहे यज्ञ में आहुतियां देते हैं। हवन-पूजन से मेला परिसर सुगंधित रहता है।दिन भर जगह-जगह भजन कीर्तन होते रहते हैं। पांचाल घाट के गंगा की रेती में एक माह के लिए बसी तंबुओं की नगरी में आस्था का सैलाब उमड़ने लगा है। मेले में पुल के ऊपर बांधे गए लाउडस्पीकर से सुबह से ही- मानों तो मैं गंगा मां हूं, न मानो तो बहता पानी… जैसे भजन की शुरुआत होती है। कल्पवासी भी भजन को अपने अंतरमन में उतार रहे हैं।मां गंगा के उद्घोष आवाज सुनाई दे रही है। गंगा स्नान करने के बाद कल्पवासी व साधु संत अपनी कुटिया में पूजा अर्चना करते हैं। जगह-जगह हो रही कथा भागवत कल्पवासी सुन रहे हैं। मेला क्षेत्र में भंडारे होने लगे हैं। गंगा स्नान करने आने वाले श्रद्धालु गंगा के तट पर भगवान सत्यनारायण की कथा करा कर मनोकामना पूर्ण होने की मनौती मांग रहे हैं।
बाबा बालक दास महाराज के क्षेत्र में धूनी के पास बैठे साधु साधना में लीन हो जाते हैं। साधु विष्णु दास महाराज गंगा स्नान करने के बाद ठाकुरजी की पूजा अर्चना करने के बाद भोग लगते हैं। कल्पवासी भी ठाकुरजी को भोग लगा रहे हैं। आचार्य प्रदीप नारायण शुक्ला दिन में अपनी कुटिया में हवन और शाम को तट पर मां गंगा की आरती भी करते हैं।
शाम की दिव्य आरती में सैकड़ों कल्पवासी शामिल होते हैं। आचार्य ने कहा कि हवन पूजन करने से वातावरण की शु द्धि के साथ भगवान के प्रति आस्था भी बढ़ती है। शाम को आरती के बाद महिलाएं ढोलक, मजीरा से माता के भजन-कीर्तन करती हैं। चारों ओर भक्ति की गूंज सुनाई दे रही है।सीडीओ डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने शुक्रवार को मेले में विकास प्रदर्शनी का फीता काटकर उद्धाटन किया। इसमें नेहरू युवा कल्याण, संस्कार भारती, कृषि विभाग, उद्यान विभाग, गन्ना विभाग, कौशल विकास मिशन, बाल विकास पुष्टाहार, महिला कल्याण विभाग केंद्रीय कारागार, वन विभाग, सहकारिता आदि के स्टाल लगाए गए हैं।
वन विभाग, पंचायतीराज, उद्यान विभाग ने प्रदर्शनी सजाई है। सीडीओ ने स्टाल का निरीक्षण किया। उनके जाते ही स्टाल पर मौजूद लोग इधर उधर हो गए। संस्कार भारती ने रंगोली बनाई। डीडीओ दुर्गा दत्त शुक्ला, एसडीएम अनिल कुमार, आरके शुक्ला, अभिषेक सिंह, सुरेंद्र पांडेय, रजनीश यादव आदि मौजूद रहे।
मेले में पानी और शौचालय की समस्या से परेशान संतों ने शुक्रवार को मेला व्यवस्थापक का घेराव किया। चेतावनी दी कि शीघ्र समस्याएं दूर नहीं हुईं, तो कड़ा कदम उठाएंगे।
मेले का शुभारंभ हुए नौ दिन हो गए लेकिन में शौचालय, पानी, बिजली की समस्या बनी हुई है। लोग पीने के पानी के लिए परेशान हैं। मेला व्यवस्थापक और ठेकेदार सुनवाई नहीं कर रहे। शुक्रवार को कई संत मेला कार्यालय पहुंचे और व्यवस्थापक का घेराव कर लिया। मेला व्यवस्थापक संदीप दीक्षित ने साधुओं से कहा कि दो दिन में सभी समस्याओं का समाधान हो जाएगा। व्यवस्थापक ने ठेकेदार को व्यवस्था में सुधार के निर्देश दिए। इसके बाद संतों का गुस्सा शांत हुआ।
आनंद अखाड़ा के महंत बुद्ध गिरी महाराज ने बताया कि 27 जनवरी को झोपड़ी से चोरी हो गई थी। पुलिस अभी तक खुलासा नहीं कर पाई है। मेला प्रशासन पर सौतेला व्यवहार करने का आरोप भी लगाया। बताया कि दिग्म्बर संतों के स्नान के लिए अभी तक घाट नहीं बनाया गया है।