हरदोई -जनपद का मामला है कारण चाहे जो भी हो लेकिन आखिरकार एक रिक्शा चालक रसूखदार लोगो के खिलाफ चुनाव लड़ने से वंचित रह गया।
दरअसल सुरसा चतुर्थ से श्रवण कुमार ने अपना नामांकन किया था इसी सीट से नरेश अग्रवाल के छोटे भाई मुकेश अग्रवाल ने भी नामांकन किया था।दिनांक 07/04/2021 को श्रवण कुमार ने चुनाव आयोग से शिकायत की है कि उसके नामांकन को नियमविरुद्ध खारिज किया है चुनाव आयोग को पांच विन्दुओ पर शिकायत दी गई है उल्लेखित विन्दुओ के अनुसार दिनांक 06/04/2021 को नामांकन पत्र की रसीद पर दिए गए समय के अनुसार नामांकन पत्र की जांच के समय नामांकन कक्ष के बाहर मौजूद था लेकिन न ही उसे बुलाया गया और न ही कोई त्रुटि है कि जानकारी दी गई और अंतिम सूची चस्पा कर दी गई जिसमें उसका नाम नही था।शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि नाम वापसी के लिए 07/04/2021 जो तारीख नियत थी उस तारीख से पूर्व ही उसके प्रस्तावकों के नाम को वापस करने को लेकर स्वीकृत देकर नियमविरुद्ध उनके नामांकन को निरस्त कर दिया गया।वही दूसरी तरफ नामांकन पत्र के जांचकर्ता अधिकारियों का बयान है कि जांच के दौरान प्रत्यासी को बुलाया गया लेकिन लेकिन उपस्थित नही हुए।
शिकायतकर्ता द्वारा लगाए गए आरोप में कितनी सच्चाई है यह तो जांच के बाद ही पता चल पाएगा लेकिन जिस प्रकार से घटना क्रम घटित हुआ है यह घटना क्रम बहुत से सवाल खड़ा करता है।आखिर क्या कारण रहा जो प्रस्तावक स्वयं चल कर आये थे वह प्रस्तावक नाम वापस लेने को मजबूर हो गए।प्रस्तावक नाम वापस लेने को मजबूर हुए या उन्हें मजबूर किया गया या स्वयं स्वेच्छा से नाम वापस लिया यह बड़ा सवाल है।