उन्नाव-रेप मामले में सजा काट रहे कुलदीप सिंह सेगर के बाद भारतीय जनता पार्टी ने उनकी पत्नी संगीता सिंह सेगर से भी किनारा कर लिया। रविवार को प्रदेश अध्यक्ष की ओर से संगीता सिंह का टिकट काटने की घोषणा के बाद यह साबित हो गया कि पार्टी को अब इस परिवार की जरूरत नहीं है। पार्टी यहां से नए चेहरे की तलाश में जुट गई है।
बता दें कि 2017 में कुलदीप सिंह बांगरमऊ विधानसभा से भाजपा के टिकट पर विधायक बना था। कुलदीप पर गांव की ही लड़की ने रेप का आरोप लगाया तो उसका राजनीतिक तिलिस्म टूटता नजर आया। अप्रैल 2018 में रेप मामले में कुलदीप सिंह को जेल जाना पड़ा। दिसंबर 2019 में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने कुलदीप को उम्र कैद की सजा सुनाई। कुलदीप के जेल जाने के बाद भी जिला पंचायत अध्यक्ष रही उसकी पत्नी संगीता सिंह भाजपा के कार्यक्रमों में मंच पर दिखती नजर आई। मुख्यमंत्री का जिले में दो बार दौरा हुआ तब भी संगीता सिंह बांगरमऊ में उनके साथ मंच पर थी। बांगरमऊ विधानसभा से संगीता का टिकट कटा तो यह कयास लगाया जा रहा था कि भाजपा जिला पंचायत में संगीता को मौका देगी। भाजपा ने दो दिन पहले घोषित समर्थित उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की तो उसमें संगीता को फतेहपुर 84 ब्लॉक से वार्ड 22 का प्रत्याशी बनाया गया था। संगीता के टिकट मिलने के बाद यह कयास लगाए जाने लगे थे कि हो सकता है भाजपा अबकी उन्हें एक बार फिर से जिला पंचायत अध्यक्ष का टिकट देगी। हालांकि संगीता के टिकट की घोषणा होने के बाद से ही सोशल मीडिया पर तेजी से विरोध उछलने लगा था। मामला प्रदेश कमेटी तक पहुंचा तो अपनी ही लिस्ट में संशोधन के लिए पार्टी के पदाधिकारियों को मंथन करना पड़ा। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने रविवार को जारी किए वीडियो संदेश के जरिए यह जानकारी दी कि संगीता सिंह से समर्थन वापस लिया जा रहा है। वह भाजपा से अधिकृत प्रत्याशी नहीं है। संगीता का टिकट कटने के बाद यह साफ हो गया कि भाजपा को अब जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए नए चेहरे की तलाश है। उधर, संगीता सिंह का कहना है कि पार्टी ने जो निर्णय लिया है उसका व स्वागत करती हैं। पार्टी के प्रति उनकी आस्था हमेशा रहेगी।वह जनता के बीच में आ गई हैं। जनता उन पर विश्वास जरूर करेगी।