उमाकांत गौतम की रिपोर्ट
लखनऊ- मदर्स डे पर बच्चों के द्वारा मां के स्नेह का बखान एवं उनके व्यक्तित्व के बारे में नया भारत दर्पण के संवादाता को बताया। की उनके जीवन में उनकी मां का महत्व कितना अधिक है कई सारे स्टूडेंट ने अपने अपने भावों को व्यक्त किया।
6 साल की छोटी सी अनन्या बहुत प्यारे अंदाज में अपनी मां का बखान करते हुए कहती हैं कि मां मुझे ढेर सारी चॉकलेट देती हैं और मुझे बहुत से कपड़े लाकर देते हैं मुझे मेरी मां बहुत अच्छी लगती है। (अनन्या)
विकास कहते हैं वैसे तो हमारी मां के प्यार का कोई मोल नहीं है इस जिंदगी में कोरोना महामारी के चलते भी वह जॉब पर जा कर हमारी हर जरूरतों को हमारे कहने से पहले पूरा कर देते हैं। (विकास गौतम)
मैं 16 वर्ष का हूं पर आज भी मां के पास जाकर मुझे अपने बचपन ही महसूस होता है मां ने मुझे हर दर्द में हिफाजत की है मेरी दुआ है मेरे जैसी मां सबको मिले। (प्रियांशु)
संध्या अपने शब्दों में बताती हैं कि मैं बहुत लकी हूं कि मुझे इतनी अच्छी मां मिली है जो गलती करने पर समझाना और अच्छा काम करने पर प्यार देती है मां के रहते दुनिया में मुझे कोई गम नहीं है कोई साथ दे या ना दे पर मेरी मां का प्यार कभी कम नहीं होता है। (सरिता गौतम)
मां शब्द जितना छोटा है इस को परिभाषित करना उतना ही कठिन है मां शब्द की उत्पत्ति संसार में सबसे पहले हुई होगी। मां के मातृत्व को लिखूं इतने शब्द कहां, एक नन्हीं सी कली जब घर में किलकारियां मारती है वह एक दिन बहू बनकर दूसरे घर को स्वर्ग बनाती हैं। स्त्री के हर एक रुप में हमें मां नजर आती है। (अमित कुमार)
माँ का रिश्ता उसकी संतानों से गर्भ काल से शुरू हो जाता है। चाहे इंसानों में या फिर जीव जन्तुओ की अन्य प्रजातियों में माँ एक अहम् किरदार निभाती है। कितनी पीड़ाओ को सहकर माँ अपनी संतानों को पलती है और उन्हें दुनिया के हर दुःख, दर्द से दूर रखने का प्रयास करती है। माँ के बिना संतानों का जीवन एक दुनिया के अहम् किरदार को खोने के सामान है। (रंजीत रावत)
दुनिया का सबसे खूबसूरत शब्द है मां, जिससे केवल बोलने से ही मन प्रसन्न हो जाता है और सुख की प्राप्ति होती है उसके रहते जीवन में कोई गम नहीं होता है और कभी भी मां का प्यार किसी के लिए कम नहीं होता है। (दीपक कुमार)
जिस की खुशबू से है यह जिंदगी महक जाती है
जिनके पैरों में हमें सारी खुशियां नजर आती है
जिनकी गोद में हमें जन्नत मिल जाती है
उन्हें कभी हम अम्मा, मम्मी, जननी और मां कहकर बुलाते हैं। (अंश कुमार)
मां हमारी पहली दोस्त और पहली शिक्षिका होती हैं मां हमेशा साथ देने वाली और हर दुख से हमारे आंसू धोती है जब हम अपनी मां की ओर देखते हैं तो उनमें प्यार की एक सबसे एक पवित्र धारणा दिखाई देती है हम अपनी मां के सबसे करीब होते हैं मां हमारे घर की धड़कन होती है भगवान हर जगह नहीं हो सकता इसलिए उन्होंने हमारी देखभाल करने के लिए मां को बनाया। (निधि गौतम)
हमारे हार के हौसलों सी है मां
डर में विश्वास सी है मां
जिंदगी की हर नई आस सी है मां
मां की तारीफ में क्या लिखूं
मेरे पंक्तियों की सार सी है मां। (स्वाति गौतम)
मां का प्यार वह है जिनमें डांट में भी प्यार होता है
मां हमें सिखाती है अपनों पर भरोसा
मां सिखाती है दर्द सहना
मां ही तो है जो हमें जीना सिखाती है
मां ही सिखाती है मुश्किलों से लड़ना। (पूजा)