पीजीआई वृंदावन योजना निवासी सुभाष चंद्रा मैट्रिक्स हेल्थ केयर सेंटर चलाता है। वह मूल रूप से जौनपुर नारायण गांव का रहने वाला है।सुभाष की फर्म कई अस्पतालों में सर्जिकल उपकरण की सप्लाई करती है। एडीसीपी मध्य चिरंजीव नाथ सिन्हा के मुताबिक कोरोना संक्रमण के कारण बड़े पैमाने पर मरीजों को आक्सीजन सपोर्ट की आवश्यकता पड़ रही थी। ऐसे में सुभाष ने अपने सम्पर्कों के जरिए आक्सीजन कंसंट्रेटर किराए पर देने का धंधा शुरू कर दिया।
लखनऊ के हुसैनगंज पुलिस ने नए आक्सीजन कंसंट्रेटर की कीमत के बराबर किराया वसूलने वाले मेडिकल फर्म संचालक को पुराना किला के पास से गिरफ्तार किया है। उसके पास से 18 आक्सीजन कंसंट्रेटर मिले हैं। साथ ही तीन आक्सीजन सिलेंडर और दो लाख रुपये भी पुलिस ने बरामद किए हैं। फर्म संचालक के साथ मुनाफाखोरी में निजी अस्पताल का पैरा मेडिकल स्टाफ भी शामिल है।
इंस्पेक्टर हुसैनगंज दिनेश सिंह विष्ट के अनुसार नया कंसंट्रेटर 40 से 55 हजार के बीच आता है। कोरोना संक्रमाण के कारण कंसंट्रेटर की मांग भी तेजी से बढ़ गई थी। मार्केंट और ऑनलाइन वेबसाइट पर भी कंसंट्रेटर उपलब्ध नहीं थे। इसे देखते हुए सुभाष मुंहमांगे दाम पर आक्सीजन कंसंट्रेटर किराए पर देता था।पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह 40 से 45 हजार रुपये प्रति सप्ताह किराए के तौर पर लेता था। मरीज की गम्भीर स्थिति को देखते हुए तीमारदार भी आसानी से मुंहमांगी रकम देने को तैयार हो जाते थे। इंस्पेक्टर ने बताया कि सुभाष के पास से कंसंट्रेटर के साथ ही तीन सिलेंडर, कार, दो लाख रुपये, मोबाइल फोन और लैपटाप बरामद हुआ है।
निजी अस्पतालों में सुभाष मेडिकल उपकरणों की सप्लाई करता है। अस्पतालों के कर्मचारियों से भी उसके सम्पर्क हैं।इसी का फायदा सुभाष उठाता था। अस्पताल कर्मियों के जरिए तीमारदार किराए पर कंसंट्रेटर लेने के लिए सुभाष से सम्पर्क करते थे।इसके बदले अस्पताल कर्मियों को भी दो से तीन हजार रुपये कमीशन के तौर पर देता था।इंस्पेक्टर के मुताबिक तीमारदारों से रुपये ऐंठने में शामिल अस्पताल कर्मियों की डिटेल जुटा कर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।