बसपा सांसद का आरोप है कि, मैं और मेरा परिवार भी कोरोना से गंभीर रूप से पीड़ित चल रहे हैं। ऐसे में भी मुझे मजबूरी में आप को पत्र लिखना पड़ रहा है। क्योंकि, मुझे रोजाना फोन/ व्हाट्सएप पर बहुत से शिकायतें आ रही हैं। सीएमओ का लोगों के व्यवहार के प्रति बहुत ही खराब निंदनीय है। वह लोगों से अभद्र भाषा और उल्टे सीधे शब्दों का प्रयोग करते हैं, सीएमओ कहते हैं मेरा कौन क्या बिगाड़ लेगा, मैं तो रिटायर होने वाला हूं।
उत्तर प्रदेश के लगभग हर जिले से ऐसी खबरें आ रही हैं कि कोरोना मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है। एक तरफ जहां सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा के केंद्रीय मंत्री से लेकर सांसद और विधायक तक शिकायत कर रहे हैं, वहीं अब बसपा से लोकसभा सांसद मलूक नागर ने बिजनौर के मुख्य चिकित्साधिकारी (CMO) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने इसको सीएमओ की शिकायत स्वास्थ्य मंत्री को एक पत्र लिखकर की है।
बसपा सांसद के द्वारा की गई शिकायत में यह लिखा गया है कि, सीएमओ ऑफिस के लोग ग्राम प्रधानों और बीडीसी, सदस्यों व सभासदों और जिला पंचायत सदस्यों व सभी पार्टियों के संगठन के लोगों व पत्रकारों को भी उल्टा सीधा बोलते हैं। वह अस्पतालों में रखी वेंटिलेटर मशीन चालू कराने की बजाय पैक रखी गई हैं। लोगों की जानें जा रही हैं सीएमओ की लापरवाही की सीमा नहीं रही है। आए दिन हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के द्वारा आदेश आ रहे हैं अगर किसी की लापरवाही की वजह से जान गई तो हत्या कहा जाएगा। सीएमओ और उसके ऑफिस के अधिकारी किसी भी स्तर पर गरीब लोगों व रसूखदार लोगों की भी नहीं सुन रहे हैं।
बसपा के सांसद मलूक नागर ने लिखा कि सीएमओ व सीएमओ ऑफिस के अधिकारी गरीब स्तर के लोगों को खासकर दलित व अकलियत समाज के लोग वह धनवान व रसूखदार लोगों के बीच भेदभाव कर रहे हैं। जो मानवता भारतीय संविधान के आधार पर स्वीकार नहीं है। सुनने में आया है कि, सीएमओ साहब रिटायर होने वाले हैं।
वह कहते हैं कि, मैं रिटायर होने वाला हूं मेरा कोई क्या कर लेगा। पत्र के जरिए पूरे उत्तर प्रदेश में सीएमओ और उनके ऑफिस के लोग सही तरीके से काम करें। जिससे बिजनौर उत्तर प्रदेश की जान बचाई जा सके, यह मांग बसपा के सांसद ने स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह से की है।