गौरब शुक्ला की रिपोर्ट
बिजली कर्मचारियों ने फ्रन्ट लाइन वर्कर घोषित कर सभी बिजली कर्मियों को सर्वोच्च प्राथमिकता पर वैक्सीन लगाने और मृत कर्मियों के परिजनों को शीघ्रातिशीघ्र 50 लाख रु का मुआवजा व् नौकरी देने की मांग की
विद्युत् कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति , उप्र ने आज ऊर्जा निगमों के प्रबन्धन को नोटिस भेजकर मांग की है कि सभी ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियरों , अभियंताओं और संविदा श्रमिकों को तत्काल फ्रन्ट लाइन वर्कर घोषित कर सभी बिजली कर्मियों व् संविदा श्रमिकों को सर्वोच्च प्राथमिकता पर वैक्सीन लगाई जाये और मृत कर्मियों के परिजनों को शीघ्रातिशीघ्र 50 लाख रु के मुआवजा का भुगतान सुनिश्चित किया जाये तथा मृत कर्मियों के आश्रितों को उनकी योग्यतानुसार नौकरी दी जाये | संघर्ष समिति की नोटिस में कहा गया है कि एक सप्ताह में सार्थक समाधान न होने पर बिजली कर्मी आंदोलन करने हेतु बाध्य होंगे । संघर्ष समिति ने इस बाबत प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व् ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से प्रभावी हस्तक्षेप की मांग की है जिससे बिजली कर्मियों को न्याय मिल सके | संघर्ष समिति के प्रमुख पदाधिकारियों वी पी सिंह , प्रभात सिंह , वी पटेल , जय प्रकाश ,गिरीश पांडेय , सदरुद्दीन राना , राजेंद्र घिल्डियाल ,सुहेल आबिद ,विनय शुक्ल ,ब्रजेश त्रिपाठी ,महेंद्र राय ,राजपाल सिंह ,शशिकांत श्रीवास्तव ,उत्पल शंकर, प्रेमनाथ राय ,ए के श्रीवास्तव , वी के सिंह कलहंस , सनाउल्लाह ,सुनील प्रकाश पाल, कुलेन्द्र सिंह ,मो वसीम शेख,विशम्भर सिंह , शम्भू रत्न दीक्षित ,रफीक अहमद , पी एस बाजपेई ,आर के सिंह , जी पी सिंह ने आज यहाँ जारी संयुक्त बयान में कोरोना संक्रमण के दौर में बिजली कर्मियों के लिए मुख्यमंत्री और ऊर्जा मंत्री से प्रभावी कदम उठाने हेतु ऊर्जा निगमों को निर्देश देने की अपील की है | संघर्ष समिति द्वारा प्रेषित पत्र में लिखा गया है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी मारक लहर के बीच बिजली कर्मी अस्पतालों व् आम लोगों को निर्बाध 24 घण्टे बिजली आपूर्ति करने में प्राणपण से जुटे हैं | अपना दायित्व निर्वाह करते हुए कई हजार बिजली कर्मी व् संविदा श्रमिक व उनके परिवार कोरोना संक्रमण से ग्रसित हो चुके हैं तथा कोरोना से लगभग 140 बिजली कर्मियों की मृत्यु हो चुकी है जिसमे मुख्य अभियंता , अधीक्षण अभियंता , अधिशाषी अभियंता , सहायक अभियंता , जूनियर इंजीनियर , बिजली कर्मचारी और संविदा श्रमिक सम्मिलित हैं | इतने बड़े पैमाने पर बिजली कर्मियों की मृत्यु और संक्रमण होने से ऊर्जा निगमों में भय का वातावरण उत्पन्न हो गया है और ऊर्जा निगमों का असंवेदनशील प्रबंधन बिजली कर्मियों के हित संरक्षित करने में पूरी तरह विफल साबित हुआ है जिससे बिजली कर्मियों में भारी गुस्सा व्याप्त है |
संघर्ष समिति द्वारा भेजे गये पत्र में कोरोना संक्रमण के दौरान उठाई गई अन्य मांगे – विद्युत् आपूर्ति और आपात सेवा को छोड़कर अन्य सभी कार्य वीडियो कांफ्रेंसिंग ,राजस्व वसूली ,झटपट पोर्टल , निवेश मित्र आदि तत्काल बंद किये जाये ,कैशलेस चिकित्सा सुविधा दी जाये और कोरोनाग्रस्त कर्मियों के अच्छे से अच्छे अस्पताल में इलाज का सीधे अस्पताल को भुगतान प्रबंधन करे ,कार्यालयों में 33 % से अधिक कर्मी न बुलाये जाएँ और वर्क फ्रॉम होम किया जाये ,50 वर्ष से अधिक आयु के बिजली कर्मियों से आवेदन लेकर उन्हें गृह जनपद या इच्छित क्षेत्र / परियोजना पर स्थानांतरित किया जाये , परियोजनाओं के अस्पताल में वैक्सीनेशन की सुविधा दी जाए तथा प्रत्येक जनपद व् परियोजना पर कोविड सेल गठित किया जये |